Uniform Civil Code Kya Hai? यूनिफॉर्म सिविल कोड इन हिंदी

Uniform civil code kya h: वर्तमान में समान नागरिक संहिता कानून(Uniform Civil Code in Hindi) काफी ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है, समय समय पर देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की मांग होती हुई नजर आती है| समान नागरिक संहिता कानून का नाम तो लगभग सभी अच्छी तरह से जानते है लेकिन काफी सारे इंसान ऐसे भी है जिन्हे इसके बारे में जानकारी नहीं है| जिन पुरुष और महिलाओ को इस कानून के बारे में जानकारी नहीं होती है वो अपने आस पास के लोगो से या इंटरनेट पर सामान नागरिक संहिता कानून क्या है? या यूनिफार्म सिविल कोड क्या होता है? (uniform civil code kya hai) लिखकर सर्च करते है, अगर आप भी ऐसे लोगो में शामिल हैए जिन्हे सामान नागिरक संहिता कानून के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारा यह पेज आपके बहुत ज्यादा फईमान्द होने वाला है क्योंकि आज हम अपने इस लेख में यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है, इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें| भारतीय जनता पार्टी एक राजनितिक पार्टी है और बीजेपी यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के पक्ष में है, लेकिन कुछ विपक्ष की पार्टी और मुस्लिम समुदाय के लोग और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस कानून के खिलाफ दिखाई दे रहे है|

काफी सारे लोगो का मानना यह भाई है की देश में एक समान नागरिक संहिता कानून लागू ना होने की वजह से देश के समग्र विकास की संभावनाएं बाधित हो रही है, लेकिन विपक्ष पार्टी और कुछ खास समुदाय के लोग इस कानून के फायदे नहीं देख रहे है बल्कि उन्हें लगता है की समान नागरिक संहिता कानून आने के बाद उनका धर्म सुरक्षित नहीं रहेगा या उन पर जबरदस्ती दूसरे धर्म के कानून थोपे जाएंगे इत्यादि करने की वजह से वो इस कानून का विरोध कर रहे है| चलिए सबसे पहले हम आपको इस कानून के बारे में जानकारी उपलब्ध कराते है

समान नागरिक संहिता कानून क्या होता है? या यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? / Uniform civil code kya h

देश में काफी सारे लोगो के मन में यह सवाल होता है की समान नागरिक संहिता कानून क्या होता है? या यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? (uniform civil code kya hai) दरसल इस कानून के अनुसार देश में रहने वाले सभी नागरिको के लिए एक कानून लागू होगा, चाहे को किसी भी धर्म, जाती या सम्प्रदाय का क्यों ना हो, यूनिफार्म सिविल कोड कानून को आप धर्मनिर्पेक्ष कानून भी कह सकते है|

समान नागरिक संहिता कानून के अनुसार सभी धर्मों के लोगो के लिए पुरे देश में एक ही कानून बनेगा और यह कानून किसी भी धर्म के दायरे में नहीं आएगा, बल्कि सभी धर्म के लोगो के लिए एक समान कानूनी अधिकार और कर्तव्य को लागू किए जाने का प्रावधान होगा| भारत के किसी भी राज्य में निवास करने वाले लोगों के लिए एक समान कानून होगा, ऐसा नहीं होगा की की अगर राज्य में किसी खास धर्म के लोगो की संख्या काफी ज्यादा है तो उस राज्य में उस धर्म के लोगो को किसी प्रकार की छूट या उनके फायदे का कानून नहीं होगा, जो भी कानून होगा वो सभी के लिए एक होगा चाहे वो इंसान किसी भी समुदाय का क्यों ना हो|

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आज के समय भारत में अलग अलग धर्मो के अपने अलग कानून बने हुए है और उस धर्म के लोग अपने धर्म के कानून को मानते है जैसे देश में हिंदुओं के लिए अपना अलग कानून बना हुआ है और सभी हिन्दू अपने धर्म के कानून के हिसाब से शादी, तलाक और विरासत इत्यादि मुद्दों पर अपने धर्म के कानून के हिसाब से निर्णय लेते है| इसी तरह से देश में मुस्लिमो के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बना हुआ और इसे धर्म के लोगो के लिए ईसाई पर्सनल लॉ बना हुआ है| ऐसे में अगर देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू कर दिया जाता है तो देश में चाल रहे अलग अलग धर्मो के लॉ बोर्ड या कानून समाप्त हो जाएंगे और पुरे देश में सिर्फ एक कानून चलेगा और उसी के हिसाब से फैसले दिए जाएंगे|

फिलहाल अगर हम अलग अलग समुदाय पर नजर डालें तो आपको काफी अंतर देखने को मिलेगा जैसे हिन्दू धर्म में आप बिना तलाक लिए दूसरी शादी नहीं कर सकते है दूसरी तरफ मुस्लिम धर्म में आप तीन शादी कर सकते है| ऐसे में सामान नागरिक कानून लागू होने के बाद हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या आने किसी भी धर्म के लोग अपने हिसाब से शादी, तलाक और विरासत आदि के निर्णय नहीं ले सकते है| यूनिफार्म सिविल कोड में अलग अलग कामो के लिए एक कानून बनाया जाएगा, फिर उस कानून के हिसाब से ही सभी को काम करना पड़ेगा|

यूनिफॉर्म सिविल कोड में यूनिफॉर्म का अर्थ

जिन लोगो को यूनिफार्म सिविल कोड का मतलब पता नहीं होता है उनमे से कुछ लोग समझते है की यूनिफार्म सिविल कोड का मतलब देश में एक जैसी ड्रेस, ऐसा सोचने के पीछे का कारण है यूनिफार्म शब्द| आमतौर पर यूनिफार्म शब्द सुनकर लोगो के मन में आता है की यूनिफार्म का अर्थ है ड्रेस या वर्दी, जो की गलत है क्योंकि यूनिफार्म का अर्थ होता है एक समान| यूनिफॉर्म शब्द को शामिल करने के पीछे की वजह यह है की जिससे सभी को एक सामान अधिकार मिले, जैसे जब किसी भी धर्म अर्थात हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का बच्चा स्कूल पढ़ने जाता है तो स्कूल में जाने के लिए उसे स्कूल की ड्रेस या यूनिफार्म को पहन कर जाना पड़ता है| स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चे खुद को एक समान माने या समझें| स्कूल में ना तो केसरी रंग का गमछा और ना ही नकाब पहने की अनुमति नहीं होती है, मजहबी दीवार बच्चों के मासूम मन में ना आए इसीलिए यूनिफॉर्म को लाया गया था, इसके अलावा शिक्षक और गुरु के लिए सभी बच्चे एक सामान होते है और शिक्षक कभी भी बच्चे का धर्म या जाती देख कर उसे शिक्षा देता है| 

यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध कौन और क्यों कर रहा है?

भारत में काफी सारे लोग यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू करने के पक्ष में नजर आ रहे है लेकिन कुछ लोग और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ राजीनीतिक पार्टी यूनिफार्म सिविल कोड का खुल कर विरोध करते हुए नजर आ रहे है| मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधि साफ तौर पर कह चुके है की उन्हें यह कानून मंजूर नहीं है, कानून मंजूर ना होने का कारण यह है की उन्हें लगता है की इस कानून की आड़ में उनके ऊपर हिंदू सिविल लॉ के नियम को जबरदस्ती थोपा जाएगा| इसके अलावा कई सारी राजीनीतिक पार्टियां भी इस कानून का विरोध करते हुए भाजपा पर संप्रदाय और वोट बैंक की राजनीति करने का लगा रहे है, राजनितिक पार्टियों का मानना है की इस कानून को लागू करने के पीछे बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देना बताते है| कुछ राजनितिक पार्टियों और लोगो का मानना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार भारत में किसी भी धर्म को मानने एवं प्रचार की स्वतंत्रता का हक मिलता है ऐसे में यूनिफार्म सिविल कोड आने पर यह हक खत्म हो जाएगा|

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देश में अभी किन मामलों में समान नागरिक संहिता लागू है?

अधिकतर इंसानो को यह पता है की समान नागरिक संहिता कानून भारत में लागू नहीं है तो हम आपको बता दें की देश में विवाह, विरासत, बच्चा गोद लेने में और तलाक इत्यादि मामलों में समान नागरिक संहिता कानून अभी लागू नहीं है| लेकिन आपको शायद यह नहीं पता है की देश में कुछ मामलो में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो चूका है, भारतीय अनुबंध अधिनियम, माल बिक्री अधिनियम, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, भागीदारी, नागरिक प्रक्रिया संहिता इत्यादि में समान नागरिक संहिता कानून लागू है|

यूनिफार्म सिविल कोड से महिलाओं की स्थिति में सुधार कैसे होगा?

आपने कई लोगो से सुना होगा की समान नागरिक संहिता कानून लागू होने के बाद महिलाओ की स्थिति में काफी ज्यादा सुधर देखने को मिलेगा, ऐसे में काफी सारी महिलाओ और पुरुषो के मन में यह सवाल आता है की समान नागरिक संहिता कानून से महिलाओं की स्थिति में सुधार कैसे आएगा? चलिए हम आपको इस सवाल का जवाब बताने की कोशिश करते है दरसल भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ मुस्लिम महिलाओं के साथ कई तरीकों से भेदभाव करता हुआ दिखाई देता, पहला भेदभाव है की एक मुस्लिम पुरुष को एक बार में चार पत्नियों से निकाह करने की इजाजत है, दूसरा भेदभाव मुस्लिम पुरुष जब चाहे तब अपनी पत्नी को तीन तलाक दे सकता है, तीसरा भेदभाव मुस्लिमो में पूर्व पत्नी को किसी भी tarah की वित्तीय सहायता नहीं दी जाती है, इसके अलावा और भी कई सारे मामले है| ऐसे में अगर भारत में समान नागरिकता संहिता कानून लागू हो जाता है तो मुस्लिम पर्सनल लॉ के जितने भी व्यक्तिगत कानून है वो सभी खत्म हो जाएंगे| यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने के बाद देश की सभी मालिआओ के लिए चाहे वो किसी भी धर्म या जाती की क्यों ना हो उनके लिए शादी, तलाक और संपत्ति में अधिकार इत्यादि में एक कानून लागू होगा, जिससे पीड़ित महिलाओ की सामाजिक के साथ साथ आर्थिक स्थिति में भी काफी ज्यादा सुधार देखने को मिलेगा|

किन देशों में पहले से लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड

देश में समान नागरिकता संहिता कानून को लेकर काफी समय से बहस चल रही है, लेकिन आपको यह जानकार हैरानी हो सकती है की दुनिया में कई सारे ऐसे मुस्लिम देश भी है जहाँ पर यूनिफार्म सिविल कोड लागू काफी साल पहले हो चूका है, ऐसे मुस्लिम देशो के नाम मलेशिया, तुर्की, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सूडान, इंडोनेशिया इत्यादि है| मुस्लिम देशो के अलावा अमेरिका, आयरलैंड और इजिप्ट जैसे कई देशो में समान नागरिक संहिता कानून लागू है|

क्या समान नागरिक संहिता से धार्मिक अधिकार छीन सकता है

यूनिफार्म सिविल कोड कानून का विरोध करने वालो के तर्क अलग अलग है, कुछ खास समुदाय के लोगो का कहना है की सामान नागरिक संहिता कानून उनके धार्मिक अधिकार को छीन लेगा, ऐसे लोगो का मानना है की यूनिफार्म सिविल कोड की आड़ में उनके ऊपर दूसरे को धर्म को थोपा जाएगा| इस कानून के खिलाफ सबसे ज्यादा मुस्लिम ही दिखाई दे रहे है, मुस्लिमो को लगता है अगर यह कानून देश में लागू हो गया तो उनका धर्म खतरे में आ जाएगा| अभी सभी मुस्लिम पुरुष और औरत मुस्लिम पर्सनल लॉ के द्वारा बनाए गए नियम को मानते है, अगर मुस्लिम महिलाओ की बात करें तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिकतर नियम उनके खिलाफ ही दिखाई देते है| समान नागरिक कानून लागू होने के बाद मुस्लिम महिलाओ की जिंदगी में काफी बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा, ऐसे में वो लोग जो नहीं चाहते है की मुस्लिम महिलाओ को अधिकार मिले वो सभी यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने के खिलाफ है|

यूनिफार्म सिविल कोड के फायदे

ऊपर आपने यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में जानकारी प्राप्त की, अब हम आपको यूनिफार्म सिविल कोड के फायदों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है

1 – देश में यूनिफार्म सिविल कोड कानून आने के बाद देश में रहने वाले सभी धर्मो और जाती के लोगो को एक समान दर्जा मिलेगा|

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2 – जब यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने के बाद देश में छुआ छुत और आपसी भेदभाव देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि देश में रहने वाले सभी नागरिक एक सामान होंगे|

3 – देश के समस्त नागरिको को एक समान अधिकार मिलने से देश की तरक्की करने की संभावना बहुत ज्यादा होती है|

4 – यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू होने के बाद देश की न्याय पालिका पर भी बोझ कम पड़ेगा क्योंकि जब देश के सभी नागरिको पर एक कानून लगेगा तो ऐसे जाती और धर्म सम्बंधित केस देखने को नहीं मिलेंगे|

5 – जब सम्पूर्ण देश में एक ही कानून होगा तो सभी लोग एक दूसरे के साथ भेदभाव या घृणा का भाव नहीं रखेंगे|

6 – यूनिफार्म सिविल कोड कानून आने के बाद देश के सभी नागरिको पर एक कानून लगेगा, जिसकी वजह से अलग अलग कानून लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी|      

7 – समान नागरिक संहिता कानून लागू होने के बाद देश में रहने वाले सभी लोगों को शादी, बच्चा गोद लेने, तलाक लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलो में एक ही कानून लागू होगा|

8 – यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू होने के बाद देश में मौजूद विभिन्न धर्मों के जितने भी व्यक्तिगत कानून है वो सभी खत्म हो जाएंगे|

9 – यूनिफार्म सिविल कोड कानून का फायदा महिलाओं को भी काफी ज्यादा मिलेगा, खासकर अल्पसंख्यक महिलाओं की स्थिति में काफी ज्यादा सुधार देखने को मिलेगा|

10 – देश में कुछ धर्मों के पर्सनल लाॅ में महिलाओं के अधिकार काफी ज्यादा सीमित होते हैं, समान नागरिक संहिता कानून आने के बाद ऐसी महिलाओ के अधिकारों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी|

यूनिफार्म सिविल कोड के नुक्सान

ऊपर आपने यूनिफार्म सिविल कोड के फायदों के बारे में जाना, लेकिन अगर किसी भी चीज के फायदे है तो कुछ नुक्सान भी जरूर होते है| चलिए अब हम आपको यूनिफार्म सिविल कोड के नुक्सान के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है

1 – भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसमे अलग अलग धर्म, सम्प्रदायों और जाती के लोग रहते है| यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू होने के बाद सांस्कृतिक और व्यावहारिक परेशानियो का सामना करना पड़ सकता है|

2 – भारत के अलग अलग राज्यो में अलग धर्मो, जातियों और सम्प्रदायों के लोग रहते है, ऐसे में सभी के लिए एक समान नियम और कानून बनाने की वजह से व्यक्तिगत मुद्दे और विवाह इत्यादि में कठिनाई आ सकती है|

3 – कुछ विशेष धर्म या जाती के लोग यूनिफार्म सिविल कोड कानून को अपनी धार्मिक स्वंत्रता पर अतिक्रमण या हमला मान सकते है|

4 – यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू होने पर कुछ लोगो को यह लग सकता है की उससे उनके धर्म को समाप्त किया जा रहा है|

5 – समान नागरिक संहिता कानून का डर अल्पसमुदाय के लोगो को काफी ज्यादा है क्योंकि उन्हें लगता है की इस कानून से उनकी उपेक्षा की जाएगी| ऐसे कानून और नियम बनाए जाएंगे जो बहुसंख़्यक धार्मिक समुदाय के लिए फायदेमंद और प्रभावी होंगे, जिससे अल्पसमुदाय के धर्म को कठिनाई आ सकती है|

6 – समान नागरिक संहिता कानून से धार्मिक स्वतंत्र का दायरा कम हो सकता है|

7 – समान नागरिक संहिता कानून लागू होने के बाद सभी इंसानो के व्यक्तिगत मुद्दों में राज्य सरकार का भी हस्तक्षेप होने लगेगा|

यूनिफार्म सिविल कोड कानून किस राज्य में लागू हो चूका है?

आज के समय में काफी सारे लोग यह जानना चाहते है की यूनिफार्म सिविल कोड कानून किन किन राज्यो में लागू हो गया है? या समान नागरिक संहिता कानून किस राज्य में लागू हो चूका है? तो हम आपको बता दें फिलहाल देश के केवल एक राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू हुआ है| यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू करने वाला भारत का पहला राज्य गोवा है, गोवा के बाद यूनिफार्म सिविल कोड कानून को लागू करने वाला दूसरा राज्य उत्तराखंड बनाने वाला है, हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए एक मंत्रिमंडल का गठन करने के साथ साथ एक आधिकारिक वेबसाइट भी लॉन्च की है|

निष्कर्ष –

हम आशा करते है की आपको हमारे लेख यूनिफार्म सिविल कोड क्या है (uniform civil code kya hai) या समान नागरिक संहिता क्या होता है? में दी गई जानकारी पसंद आई होगी| हमने ऊपर आपको यूनिफार्म सिविल कोड के फायदे और नुक्सान के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई है, अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे इस पेज को अधिक से अधिक शेयर करें|

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