Surrogacy Kya Hai? What is Surrogacy Meaning in Hindi

Surrogacy Kya Hai: किसी भी दंपत्ति के लिए संतान सुख से बढ़ा सुख कोई और नहीं है, लेकिन काफी सारे दंपत्ति ऐसे भी होते है जिन्हे यह सुख प्राप्त नहीं होता है। हालाँकि संतान ना होने के पीछे बहुत सारे कारण होते है, पहले के जमाने में ऐसे दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति का कोई विकल्प मौजूद नहीं था लेकिन आज साइंस ने बहुत ज्यादा तरक्की कर ली है। आज के समय में निसंतान दंपत्ति सरोगेसी के माध्यम से संतान सुख प्राप्त कर सकते है, काफी सारे लोगो को सरोगेसी का नाम तो पता होता है लेकिन सरोगेसी के बारे में जानकारी नहीं होती है। कुछ लोग इंटरनेट पर सरोगेसी क्या है? या सरोगेसी में कितना खर्च आता है? या सेरोगेसी कितने प्रकार की होती है? इत्यादि लिखकर सर्च करते है। अगर आपको सरोगेसी के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारा यह पेज आपके लिए लाभकारी साबित होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको सरोगेसी के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

आज के समय में बॉलीवुड के काफी सारे एक्टर और एक्ट्रेस भी सरोगेसी के जरिए संतान सुख को प्राप्त कर चुके है, हालाँकि सरोगेसी में काफी ज्यादा खर्चा आता है। इसीलिए सरोगेसी को करना आम आदमी की पहुँच से दूर होता है, चलिए सबसे पहले हम आपको सरोगेसी क्या है? (Surrogacy Kya Hai) के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

सरोगेसी क्या है (Surrogacy Kya Hai)?

दरसल सरोगेसी एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से निसंतान दंपत्ति को संतान का सुख प्राप्त होता है। पहले के जमाने में सरोगेसी की सुविधा उपलब्ध नहीं होने की वजह से काफी सारे दंपत्ति संतान सुख से वंछित रह जाते थे लेकिन आज के समय में सरोगेसी के द्वारा आसानी से संतान सुख प्राप्त कर सकते है। सरोगेसी में माता के एग्स और पिता के स्पर्म को मैच कराके सरोगेट मदर के यूट्रस में डाल दिया जाता है, फिर धीरे धीरे आपका बच्चा सरोगेट मदर के पेट में पलने लगता है। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की सरोगेट मदर कौन होती है? दरसल सरोगेट मदर उस औरत को कहा जाता है जिसकी कोख या गर्भाशय में संतान पलती है। जब विवाहित जोड़े के संतान नहीं होती है तो पुरुष और महिला दोनों के चेकअप कराएं जाते है, महिला के गर्भधारण ना करने के पीछे बहुत सारी वजह हो सकती है। ऐसे में किसी स्वस्थ महिला के गर्भाशय का इस्तेमाल करके संतान की प्राप्ति की जाती है। काफी सारे लोगो के मन में सरोगेसी को लेकर बहुत सारी गलत फहमी भी होती है, जिसके बारे में हम आपको आगे बता रहे है।

सरोगेसी कैसे होती है

सरोगेसी की प्रक्रिया कैसे की जाती है? यह सवाल बहुत सारे लोगो के मन में होता है, कुछ लोगो को सरोगेसी के बारे में गलत जानकारी होती है जैसे सरोगेसी में पुरुष को उस महिला के साथ संबंध बनाने पढ़ते है जिसकी कोख में आपका शिशु पलने वाला है। यह बात बिलकुल भी सच नहीं है, सरोगेसी में पुरुष या महिला को किसी से भी संबंध बनाने की जरुरत नहीं होती है। आज के समय में सरोगेसी की प्रक्रिया दो प्रकार की होती है जिसके बारे में आप नीचे पढ़ सकते है।

सरोगेसी का मतलब क्या है(surrogacy ka matlab) / Surrogacy meaning in hindi

कुछ इंसान सरोगेसी को किराए की कोख के नाम से भी जानते है, हालाँकि यह बात कुछ हद तक सही भी है क्योंकि सरोगेसी में निसंतान दंपत्ति किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेकर संतान की प्राप्ति करते है। इस प्रक्रिया में सरोगेसी महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी अन्य दंपती के लिए गर्भ को धारण करती है, सरोगेसी में पुरुष के स्पर्म की जरुरत होती है।      

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किन परिस्थितियों में सरोगेसी है बेहतर विकल्प

सरोगेसी का सहारा ऐसे विवाहित जोड़े या दंपत्ति लेते है जिन्हे गर्भधारण करने में परेशानी आ रही हो या गर्भधारण नहीं हो रहा हो या जो महिला खुद बच्चा पैदा करना नहीं चाहती है। सरोगेसी के जरिए बच्चे पैदा करने के पीछे के कुछ कारणों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – अगर किसी महिला को बार बार गर्भपात की समस्या को सामना करना पढ़ रहा है तो ऐसे में वो सरोगेसी का सहारा ले सकते है।

2 – महिला के गर्भ में किसी तरह की विकृति होने की वजह से गर्भधारण में परेशानी होने की स्थिति में सरोगेसी का सहारा लिया जाता है।

3 – कुछ महिलाओ में जन्म से ही गर्भाशय नहीं होता है या गर्भाशय विकसित नहीं हो पाता है तो इस स्थिति में महिला कभी मां नहीं बन सकती है इसीलिए ऐसे में सरोगेसी की मदद से महिला संतान सुख प्राप्त कर सकती है।

4 – ऐसी महिला जिनके अंडाशय यानी एग में किसी भी प्रकार की परेशानी होना।

5 – सरोगेसी ऐसी महिलाओ के लिए वरदान है जिनके गर्भाशय में भ्रूण प्रत्यारोपित ना हो पा रहा हो।

6 – ऐसी महिला जिन्हे दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है उन्हें गर्भधारण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में उनके लिए सरोगेसी एक बेहतर विकल्प होता है।

7 – ऐसी महिला जो अपने करियर की वजह से या किसी भी अन्य वजह से अपने शरीर या फिगर को ख़राब नहीं करना चाहती है तो ऐसी महिला खुद बच्चा पैदा नहीं करना चाहती है उनके लिए सरोगेसी सबसे अच्छा ऑप्शन है।

8 – सरोगेसी की सुविधा ऐसी महिलाओ के लिए भी लाभकारी है जिन महिला की उम्र बच्चे जन्मने की उम्र से अधिक हो चुकी है।

9 – कुछ मामलो में पुरुष शुक्राणुओं में समस्या देखने को मिलती है, इस स्थिति में भी सरोगेसी को अपनाकर आप संतान सुख प्राप्त सकते है।

सरोगेसी कितने प्रकार की होती है?

ऊपर आपने सरोगेसी के बारे में पढ़ा, अब हम आपको सरोगेसी के प्रकार के बारे में जानकारी दे रहे है, दरसल सरोगेसी दो प्रकार की होती है, जिनके बारे में हम आपको नीचे जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – ट्रेडिशनल सरोगेसी

सरोगेसी में ट्रेडिशनल सरोगेसी को भी काफी ज्यादा अपनाया जाता है, इस प्रकार की सरोगेसी में पिता या डोनर का स्पर्म को लेकर उस महिला के एग्स से मैच करवाए जाते है जो महिला सरोगेसी को करने वाली है। ट्रेडिशनल सरोगेसी से पैदा होने वाले बच्चे की असली माता सरोगेट माता ही होती है, सेरोगेट मदर को आप बॉयोलॉजिकल मदर या जैविक मां भी कहा जाता है। इस तरह की सेरोगेसी को ऐसे विवाहित जोड़े अपनाते है जिनमे पत्नी गर्भधारण करने में असमर्थ हो या पत्नी के गर्भाशय ना हो या इत्यादि परेशानी हो।

2 – जेस्टेशनल सरोगेसी

जेस्टेशनल सरोगेसी की शुरुआत वर्ष 1986 में की गई थी, इस तरह की सरोगेसी प्रक्रिया में सरोगेट महिला के एग्स का इस्तेमाल नही किया जाता है। सेरगेट माता के एग्स का इस्तेमाल नहीं होने की वजह से सरोगेट माता पैदा होने वाले बच्चे को बायोलॉजिकल माँ नहीं कहा जाता है। दरसल इस सेरोगेसी में डोनर पिता का स्पर्म और माता के एग्स का मेल करवाकर टेस्ट ट्यूब के जरिए कुछ समय के लिए लैब में रखा जाता है। फिर जब एग्स और स्पर्म का मेल हो जाता है तो उसे सरोगेट माता के यूट्रस में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।

सरोगेसी में कितना खर्च आता है ?

सरोगेसी में कितने पैसे लगते है? यह एक ऐसा सवाल है जो काफी सारे विवाहित जोड़ो के मन में आता है, तो हम आपको बता दें की सरोगेसी की प्रक्रिया काफी महंगी होती है। सरल भाषा में समझें तो आप यह भी कह सकते है की यह प्रक्रिया पैसो वालो के लिए है, आज एक समय में सरोगेसी प्रक्रिया में लगभग 15 से लेकर 20 लाख रूपए तक खर्चा आ जाता है। हालाँकि यह खर्च एक अंदाजा है हो सकता है सरोगेसी का खर्चा इससे ज्यादा भी हो सकता है, सरोगेसी का खर्च सुनकर आप समझ गए होंगे की यह आम आदमी की पहुँच से क्यों दूर है।

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बॉलीवुड स्टार को काफी पसंद है सरोगेसी

काफी सारे ऐसे बॉलीवुड स्टार मौजूद है जो सरोगेसी की मदद से माता पिता बन चुके है, लेकिन काफी सारे लोगो के मन में यह सवाल आता है की आखिर बॉलीवुड में सरोगेसी का क्रेज क्यों है? दरसल इसके पीछे काफी सारे कारण होते है जैसे यह तो आप सभी अच्छी तरह से जानते है की किसी भी महिला बच्चा पैदा करने में 9 महीना का समय लगता है। बॉलीवुड एक्ट्रेस के लिए इतने लम्बे समय तक शूटिंग से दूर रहना मुमकिन नहीं है और दूसरा मुख्य कारण यह है की किसी भी महिला का फिगर बच्चा हो जाने बाद काफी ज्यादा बदल जाता है जो एक एक्ट्रेस की नजर से सही नहीं होता है, जिसकी वजह से बॉलीवुड एक्ट्रेस सेरोगेसी को पसंद करती है। आज के समय में बॉलीवुड में काफी सारे एक्टर और एक्ट्रेस ने सेरोगेसी प्रक्रिया को अपनाया है, जिनमे से प्रमुख है बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे अबराम, आमिर खान और किरण राव के बेटे आजाद राव खान, तुषार कपूर, प्रीति जिंटा, एकता कपूर और करण जौहर इत्यादि ने सरोगेसी के जरिए बच्चे का सुख प्राप्त किया है ।

भारत में सरोगेसी नियम

भारत में सरोगेसी का गलत इस्तेमाल होता था अर्थात विदेशो से लोग यहां आते थे और सरोगेसी से बच्चा पैदा करके ले जाते है। विदेशी कपल से दलाल सरोगेसी के लिए लाखो रूपए लेते थे, लेकिन अगर किसी भी वजह बच्चा शारीरिक रूप से स्वस्थ ना हो तो विदेशी उस बच्चे को नहीं लेते थे, भारत सरकार ने इन सभी चीजों पर रोक लगाने के लिए वर्ष 2019 में The Surrogacy (Regulation) Bill,  लाई थी, इस बिल का मुख्य उदेश्य भारत में कर्मशियल सरोगेसी को रोकना है। इस बिल के आने से पहले भारत में काफी सारे लोग कर्मशियल सरोगेसी का हिस्सा बनते थे, जिसमे पैसे देकर बच्चे को खरीदा जाता है। लेकिन सरोगेसी बिल आने के बाद भारत में कर्मशियल सरोगेसी पूर्ण रूप से अवैध है और अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसके लिए सजा का भी प्रावधान भी है। चलिए अब हम आपको Surrogacy (Regulation) Bill,  के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – भारत की सरकार ने सरोगेसी से संबंधित प्रभावी विनियमन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और राज्य स्तर पर राज्य सरोगेसी बोर्ड का गठन किया है।

2 – इस बिल के आने के बाद भारत में सरोगेसी का विकल्प सिर्फ भारतीय जोड़े के लिए ही उपलब्ध होगा।

3 – सरोगेसी बिल के अनुसार 23 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की आयु के बीच वाले भारतीय विवाहित निःसंतान जोड़ो को सरोगेसी की अनुमति दी गई है।

4 – अगर आप सिंगल पुरुष है और आप सरोगेसी करना चाहते है तो इस बिल के अनुसार 26 वर्ष से लेकर 55 वर्ष की आयु के बीच के पुरुष को सरोगेसी करने की अनुमति है।

5 – इस बिल के अनुसार अगर आप सरोगेसी के जारी बच्चा करते है तो आप किसी भी स्थिति में सरोगेसी से पैदा हुए बच्चे को लेने से इंकार नहीं कर सकते है।

6 – इस बिल के अनुसार आप देश के किसी भी क्लिनिक में जाकर सरोगेसी नहीं कर सकते है, अगर आप सरोगेसी करना चाहते है तो आपको उन क्लिनिक पर जाना होगा जो सरोगेसी से संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने से संबंधित प्राधिकरण द्वारा पंजीकृत होते है।

7 – इस बिल के आने से पहले प्रस्तावित सरोगेसी बीमा कवरेज 16 महीने थी लेकिन इस बिल में सरोगेसी बिमा कवरेज की अवधि 16 महीनो से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया है।

8 – इस बिल के अनुसार आप सरोगेसी प्रक्रिया में लिंग का चयन नहीं कर सकते है, अगर आप ऐसा करते है तो आपको सजा हो सकती है।

9 – ऐसे विवाहित जोड़े जो निःसंतान है, उन्हें सरोगेसी प्रक्रिया को करने से पहले जरुरी प्रमाण पत्र को देना जरुरी है।

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सरोगेट मदर बनने के नियम

ऊपर आपने सरोगेसी के नियमो के बारे में जानकारी प्राप्त की, अब हम आपको सरोगेट मदर बनने के नियम के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है। अगर आप सरोगेट मदर बनाना चाहती है तो आपको सरोगेसी बिल में सरगेट मदर के लिए बनाए गए नियमो के बारे में जानकारी होना बहुत ज्यादा जरुरी है, चलिए अब हम आपको सरगेट मदर के लिए बनाए गए नियम के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – ऐसी महिला जो सेरोगेट मदर बनना चाहती है, उस महिला की जिंदगी में एक बार शादी जरूर होनी चाहिए।

2 – जो महिला सेरोगेट महिला बनने वाली है उस महिला का खुद का बच्चा भी होना जरुरी है।

3 – सरोगेट मदर की उम्र 25 वर्ष से लेकर 35 वर्ष के बीच में होनी चाहिए।

4 – भारत सरकार के द्वारा बनाए गए सरोगेसी बिल के अनुसार कोई भी महिला अपने जीवन में केवल एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है, अगर कोई महला दोबारा सरोगेट मदर बनती है तो उसके लिए सजा का प्रावधान रखा गया है।

5 – जो भी महिला सरोगेट मदर बनना चाहती है तो उस महिला को मेडिकली और मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ्य होना बहुत ज्यादा जरुरी है।

6 – इस बिल के अनुसार सरोगेट मदर बनना है या नहीं यह सिर्फ और सिर्फ उस महिला का निर्णय होगा, किसी भी इंसान के दबाव या जबरदस्ती से सरोगेट मदर नहीं बनाया जा सकता है।

सरोगेसी क्लिनिक के लिए नियम

भारत सरकार के द्वारा बनाए गए सरोगेसी बिल में जिस तरह से सरोगेट मदर और विवाहित जोड़ो के लिए कुछ कड़े नियम बनाए है उसी तरह उन क्लीनिकों के लिए भी कुछ कड़े नियम बनाए है जो सरोगेसी प्रक्रिया को करवाते है। सरोगेसी क्लीनिक के लिए क्या नियम है, इसके बारे में हम आपको नीचे जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – भारत के किसी भी क्लिनिक में कर्मशियल सरोगेसी प्रक्रिया को करने की अनुमति नहीं है, अगर कोई भी क्लिनिक या विवाहित जोधा या सरोगेट मदर ऐसा करते हुए पकड़ी जाती है उसके खिलाफ सजा का प्रावधान है।

2 – अगर आप सरोगेसी प्रक्रिया करवाते है तो आप इसका प्रचार अखबार या फिर टीवी पर करने की अनुमति नहीं है ।

3 – सरोगेसी प्रक्रिया के दौरान किसी भी वक्त लिंग चयन पर भी सख्त पाबंदी है अगर क्लिनिक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

4 – जो भी क्लिनिक सरोगेसी प्रक्रिया को करना चाहता है उसका उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा पंजीकृत होना जरुरी है, बिना पंजीकरण के आप सरोगेसी नहीं प्रक्रिया नहीं करवा सकते है, बिना पंजीकरण के कोई भी क्लिनिक इस प्रक्रिया को करवाता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी है।

सरोगेसी के लिए बनाए गए नियमो को तोड़े वालो के लिए सजा

ऊपर आपने सरोगेसी के लिए बनाए गए नियमो के लिए जाना, लेकिन अगर सरोगेट मदर या विवाहित जोड़ा या क्लिनिक उन नियम को नहीं मानता है या तोड़ता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए नियम बनाए गए है, जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे है।

1 – अगर कोई भी सरोगेट मदर या विवाहित जोड़ा कर्मशियल सरोगेसी प्रक्रिया करते हुए पकड़ा जाता है तो ऐसी महिला या पुरुष या विवाहित जोड़े को दस साल तक की जेल और दस लाख रूपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

2 – सरोगेसी प्रक्रिया के द्वारा पैदा हुए बच्चे को लेने से विवाहित जोड़ा मना नहीं कर सकता है लेकिन अगर पति पत्नी सरोगेट बच्चे को स्वीकार करने से मना करते है या बच्चे के साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो उन्हें 10 साल कैद की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ता है।

3 – अगर विवाहित जोड़ा बच्चे के लिंग का पता लगाने की कोशिश करता है तो ऐसे में उन्हें दस साल तक की जेल और दस हजार रुपये जुर्माना देना पड़ता है।

4 – ऐसा कोई भी क्लिनिक या डॉक्टर सरोगेसी प्रक्रिया के दौरान नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो पहली बार दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की जेल और दस लाख का जुर्माना देना होगा और अगर डॉक्टर दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो नियम तोड़ने पर लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

निष्कर्ष –

ऊपर आपने सरोगेसी क्या है?( Surrogacy Kya Hai) और सरोगेसी कितने प्रकार की होती है ? के बारे में जानकारी प्राप्त की, अंत में हम आपको सलाह देंगे की अगर आप सरोगेसी को अपनाना चाहते है तो किसी अच्छे क्लिनिक पर पूरी जानकारी लेने के बाद ही इस प्रक्रिया को अपनाएं।

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