Rajniti Kya Hai: आप सभी ने बहुत बार राजनीति के बारे में सुना होगा, हालाँकि अधिकतर इंसान राजनीति के बारे में जानते है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है जिन्होंने राजनीति का नाम तो सुना होता है लेकिन उन्हें राजनीति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है| जिन्हे राजनीति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है उनके मन में राजीनीति को लेकर काफी सारे सवाल होते है जैसे राजनीति क्या होती हैं? (rajniti kya hai) वैसे आपको राजनीति शब्द से ही इसके बारे अंदाजा लग रहा होगा| राजनीति शब्द दो शब्दों राज और नीति से मिलकर बना है पहले शब्द राज का अर्थ होता है शासन करना और दूसरे शब्द नीति का अर्थ होता है योजना| सरल भाषा में समझे तो राजनीति का अर्थ होता है शासन करने के लिए बनाई गई योजना, हालाँकि जीवन में आपको अलग अलग जगह पर राजनीति देखने को मिल जाती है| आमतौर पर पब्लिक राजनीति को शासन से जोड़कर देखती है लेकिन राजनीति आपको कॉलेज से लेकर सत्ता पाने तक दिखाई देती है|
राजनीति क्या हैं? (rajniti kya hai)
राजनीति की शुरुआत प्राचीन समय से ही हो गई थी, दरसल प्राचीन समय में जब राजाओ का शासन था तो प्रत्येक राजा सत्ता पाने के लिए योजना बनाता हुआ नजर आता था| जब कोई राजा दूसरे राजा के राज्य पर कब्जा करना चाहता था तो आक्रमण करने से पहले योजना बनाता था की किस तरह दूसरे राज्य पर विजय प्राप्त की जाएं| हालाँकि उस समय की राजनीति और वर्तमान की राजनीति में बहुत ज्यादा अंतर आ गया है, उस समय की राजनीति में हिंसा ज्यादा देखने को मिलती थी| राजा सत्ता पाने के लिए हिंसा और अलग अलग तरह प्रलोभन का सहारा लेकर सत्ता प्राप्ति कर लेते थे, काफी सारे मामलो में राजा सत्ता पाने के लिए दूसरे राजाओ की मदद भी करते थे जिससे समय आने पर वो उन राजाओ की सत्ता प्राप्त या छीन सकें|
वर्तमान की राजनीति में काफी बड़ा अंतर दिखाई देता है, प्राचीन समय में सत्ता पाने के लिए राजनीति का सहारा लिया था लेकिन आज के समय में आपको हर जगह राजनीति देखने मिल जाएगी| वर्तमान में शासन करने से लेकर अपना वर्चस्व जमाने के लिए राजनीति की जाती है, कॉलेज, ऑफिस या राजनेता बनाने के लिए राजनीति का इस्तेमाल होता हुआ नजर आता है| चलिए अब हम आपको बताते है की राजनीति कैसे करें?
राजनीति के जनक कौन है?
काफी सारे लोगो के मन में यह सवाल होता है की आखिर राजनीति का जनक कौन है? चलिए हम आपके इस सवाल का जवाब देते है, राजनीति के महान ज्ञाता अरस्तु को राजनीति के जनक कहा जाता है| राजनीति के द्वारा ही शासन या सत्ता की प्राप्ति करना संभव होता है| कोई देश किसी दूसरे देश से अपनी बात मनवाने के लिए जब किसी कूटनीति का इस्तेमाल करता है तो इस कूटनीति को राजनीति के नाम से जाना जाता हैं। चलिए अब हम आपको बताते है की आखिर राजनीति क्या होती है?
राजनीति कैसे की जाती है?
कुछ लोगो के मन में यह सवाल भी आता है की राजनीति कैसे करें या राजनीति कैसे की जाती है? अगर आप राजनीति करना चाहते है तो सबसे पहले आपको एक बेहतरीन योजना बनानी आनी चाहिए, आपकी योजना इतनी बेहतरीन और शानदार होनी चाहिए की आपको उस योजना के माध्यम से सफलता मिले| नियमित रूप से न्यूज़ सुने, मजेदार कहानियां पढ़नी चाहिए, पुराने शासकों और सत्ताधारियो के संघर्षो बारे में पढ़ें| राजनीति करने के लिए दूसरी सबसे जरुरी चीज है आपका व्यक्तित्व, अपने व्यक्तित्व को ऐसा बनाए जिससे लोग आपकी बातें सुने और आप पर विश्वास करें| आपका व्यवहार छोटे और बढ़ो से प्रेमपूर्वक रहना और बोलना चाहिए, आपको प्यार से बात करने के साथ साथ अपनी बात मनवाना भी आना चाहिए, दुसरो की परेशानी समझकर उनकी परेशानी का समाधान निकालना आना जरुरी है|
समाज को राजनितिक की जरुरत क्यों होती है ?
समाज को राजनितिक की जरुरत अलग अलग समय पर पढ़ती है, ऐसे बहुत सारे पहलू होते है जहाँ पर आपको एक नेता या लीडर की जरुरत जरूर पढ़ती है, चलिए अब हम आपको कुछ ऐसे मामलो के बारे में बताने जा रहे है जहाँ पर आपको राजीनीतिक की जरुरत होती है
1 – समाज में रहने वाले सभी इंसानो की सोच और विचार अलग अलग होते है, ऐसे में किसी बात को समझाने के लिए एक राजनितिक की जरुरत होती है| आसान भाषा में समझे तो जब समाज के हिट की बात की जाती है तो कई बार देखा गया है की कुछ आदमी बात से सहमत है और कुछ विरोध करते है| लेकिन जब वो बात कोई राजनितिक कहता है तो विरोध करने वाले इंसान भी चुपचाप बात को समझते और मानते है|
2 – अलग अलग विचारधाराओ के लोगो में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवाद और हिंसा जैसी समस्याएं सामने आती है, ऐसी सभी समस्याओं को दूर करने के लिए राजनितिक की जरुरत होती है|
3 – जब किसी भी समाज में कोई राजनितिक होता है तो सभी लोगो के मन में विश्वास रहता है की कोई इंसान है जो उनकी परेशानी और विवादों का समाधान आसानी से कर सकता है|
4 – राजनितिक के होने से समाज के लोगो को लगता है की अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी या पुलिस इत्यादि उनके साथ गलत करती है तो वो उस राजनितिक से परेशानी की शिकायत कर सकते है|
राजनीति के सकारात्मक पहलू
ऊपर आपने राजनीति के बारे में जानकारी प्राप्त की, चलिए अब हम आपको राजनीति के कुछ सकारात्मक पहलुओं के बारे में जानकारी उपलध करा रहे है|
1 – किसी भी देश और समाज के लिए राजनीति काफी अहम हिस्सा होता है, राजनीति समाज के अलग अलग सोच विचार के लोगो को आपस में जोड़ने का काम करती है|
2 – पब्लिक के द्वारा चुने गए नेता या सरकार पब्लिक की भलाई और विकास के लिए काम करती है|
3 – राजनीति की वजह से पब्लिक को सही नेता के बारे में जानकारी मिलती है, जब दो राजीनीतिक दलों के नेता चुनाव लड़ते है तो दोनों नेता एक दूसरे की कमियों के बारे में भी जानकारी देते है|
4 – समाज जब किसी भी राजनेता का चयन कर लेती है तो उस नेता या सरकार के द्वारा शासन नियंत्रण किया जाता है|
भारतीय राजनीति के नकारात्मक पहलू
ऊपर आपने राजनीति के सकारात्मक पहलुओं के बारे जाना, अब हम आपको राजनीति के कुछ नकारात्मक पहलुओं के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है, वर्तमान में बहुत सारी राजनीतिक पार्टियां मौजूद है| देश का विकास और प्रगति के लिए राजनीति के नकारात्मक पहलुओं को दूर करने की सबसे ज्यादा जरुरत है
1 – भारत की राजनीति का सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू नजर आता है वो है भ्रष्टाचार, आप देख सकते है की किसी भी गलत काम को कराने के लिए रिश्वत दी जाती है| रिश्वत देकर आप आसानी से गलत काम को करवा सकते है खासतौर पर सरकारी विभाग के काम आप आसानी से करवा सकते है| देश के हालत तो ऐसे है की अगर आप अपना काम करवाने के लिए किसी सरकारी विभाग में जाते है तो विभाग वाले आपके सही काम को करने के लिए भी पैसे ले लेते है| दरसल सरकारी विभाग का नियंत्रण राजनीतिक पार्टियों के हाथों में होता है और काफी सारे मामलो में देखा जाता है की राजनीतिक पार्टियां अपने और अपनी पार्टी के लिए पैसा एकत्रित करने के लिए अवैध भर्ती या भर्ती करवाती है, भर्ती से मिले पैसे का इस्तेमाल चुनाव में किया जाता है और चुनाव के बाद कई बार सरकार बनाने के लिए राजेनेटो की खरीददारी में इस्तेमाल किया जाता है| अवैध भर्ती की वजह से गरीब और होनहार छात्रों का नौकरी में सिलेक्शन नहीं हो नहीं हो पाता है।
2 – राजनीति का दूसरा नकारात्मक पहलू यह है की आप देखें की जब भी चुनाव पास आते है तो चुनाव लड़ने वाले नेता आपके साथ बहुत ज्यादा विनम्रता से पेश आएँगे, इसके साथ साथ राजनेता आम लोगो की परेशानियो को दूर करने और विकास को लेकर काफी सारे वायदे करते हुए नजर आते है| लेकिन जैसे ही नेता चुनाव जीत जाते है तो वो गायब हो जाते है, अगर आप उनके पास अपनी परेशानी लेकर जाए यही तो वो आपकी बात भी नहीं सुनते है और ना ही आपकी परेशानी का समाधान करते है| सभी नेता चुनाव जितने के बाद सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के बारे में बात करता है उसे समाज या विकास के कामो से कोई मतलब नहीं रहता है|
3 – आज के समय में ऐसे इंसान जो सच में देश की सेवा या लोगो की सेवा करने के लिए राजनीति में आना चाहते है, उन्हें राजनीति में आने से रोका जाता है और अगर ऐसे इंसान चुनाव लड़ भी लें तो वो कभी चुनाव नहीं जित पाते है| क्योंकि जो राजेनता शक्तिशाली होता है वो ऐसे नेता को चुनाव लड़ने नहीं देते है, या चुनाव जितने नहीं देते है, ताकतवर नेता अपनी अलग अलग रणनीति लगाकर चुनाव को जीत लेते है, ताकतवर नेता आम लोगो को पैसे या खाने का सामान या आने चीजें बाँट कर लोगो को अपने जाल में फँसा कर वोट प्राप्त कर लेते है| अधिकतर लोग उनके झांसे में आकर वोट दे देते है फिर जब ताकतर नेता जीत जाता है तो उन्हें पछताना पढता है|
4 – राजनीति का एक नकारात्मक पहलू यह भी है की जो भी नेता एक बार सत्ता की कुर्सी पर बैठ जाता है वो किसी भी कीमत पर पानी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं होता है| सत्ता में बैठा नेता झूठी अफवाहें, झूठी बातें, लालच देकर, पैसे बांटकर या पैसे के दम पर मिडिया से झूठी खबरे प्रसारित करवाते है, जिनकी वजह से लोगो के मन में विपक्षी पार्टी के नेताओ पर जल्दी से विशवास नहीं होता है और पब्लिक को सत्ता में बैठा नेता ही सही लगता है| जिसकी वजह से सत्ता में बैठे नेता दोबारा चुनाव जित जाते है और आने किसी इंसान को मौका नहीं मिलता है|
5 – लगभग सभी राजनीतिक दलों में युवाओं की कमी नजर आती है, सभी राजनितिक पार्टियों में बुजुर्गो और ऐसे नेताओ का कब्जा है जो बहुत पहले से पार्टी में मौजूद है या बहुत ज्यादा पैसे वाले है| सभी पार्टियों में अच्छे और कर्मठ युवाओ की कमी साफ़ नजर आती है, ऐसी स्थिति में ऐसे युवा जो सच्ची भावना से राजनीति में आना चाह रहे है, उन्हें आगे नहीं आने दिया जाता है|
6 – नए पढ़े लिखे युवा राजनीति में आने से बचते है और अगर कोई आना चाहे तो उसे जल्दी से राजनीति में आने नहीं दिया जाता है, पुराने जमाने के पढ़े हुए या कम पढ़े हुए लोगो ने राजनितिक पार्टियों की कमान संभालें बैठे है, जिसकी वजह से देश के विकास की रफ़्तार उतनी अच्छी नहीं है|
राजनीति का महत्व और उपयोगिता
ऊपर आपने राजनीति के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के बारे जानकारी प्राप्त की, राजनीतिक
1 – सामाजिक परिवर्तन को समझने में सहायक
समाज में अलग अलग समय पर परिवर्तन देखने को मिलते है, यह परिवर्तन आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन पर भी प्रभाव जरूर डालते है| आसान भाषा में समझे तो आप देख सकते है की पहले के जमाने के लोगो के बोलने का तरीका, रहने का तरीका और त्योहार मनाने का तरीका आज के मुकाबले काफी अलग होता है| समय के हिसाब से राजनीति में काफी बदलाव देखने को मिले है, राजनीति समाज में हो रहे बदलाव को समझने में सहायक होती है क्योंकि नेताओ को समय के हिसाब से पब्लिक को अपनी बात समझनी पढ़ती है|
2 – प्रशासकों के लिए उपयोगिता
जब कोई भी नेता चुनाव जीत जाता है तो वो पब्लिक की भलाई और समाज के विकास के लिए काम करते है, कुछ मामलो में प्रशासकों को भी सही से काम करने के लिए निर्देश दिए जाता है| जैसे पुलिस वालो को लोगो से विनम्रता पूर्वक रहने और अपराधियो के साथ सख्त होने की सलाह दी जाती है|
3 – पब्लिक की स्थिति का ज्ञान
अधिकतर नेता आम पब्लिक की परेशानियो के बारे में नहीं जानते है और वो सच्चाई से काफी दूर होते है| जब कोई भी इंसान राजनीति में आता है तो उसे कई सारी चीजों की जानकारी होती है|
4 – समस्याओं के समाधान में सहायक
राजनेता पब्लिक की परिस्थितियों का गहन अध्ययन करके उन परेशानियो या परस्थितियो का परीक्षण करने के बाद कुछ समाधान निकालता है| समाज में अलग अलग सोच के लोग मौजूद होते जिनके बीच में आए दिन किसी ना किसी बात को लेकर विवाद हो जाता है ऐसे में राजनेत लोगो के बीच में जाकर मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों विचारो के लोगो को समझकर विवाद को खत्म करने में मदद करता है|
5 – मानव समाज की प्रगति
राजनीति पब्लिक की संवैधानिक तथा वैधानिक प्रगति में मददगार होती है, राजनीति में आने बाद नेता पब्लिक के विकास के लिए नए नए तरीको के बारे में बात करते है| किसी भी क्षेत्र में रहने वाले लोगो की भलाई के लिए कौन कौन से काम करने चाहिए या किन कामो को करने से समाज की भलाई होगी ऐसे सभी नवीन तथ्यों के बारे में विचार विमर्श करके निर्णय लिए जाते है|
6 – भविष्य की योजना
किसी भी राजनितिक पार्टी के लिए भविष्य की योजना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, अगर आप भविष्य के लिए बेहतरीन योजना नहीं बनाते है तो विकास होना संभव नहीं है| आज की परिस्थितियों का आंकलन करके भविष्य के लिए योजना निर्धारित करना जरुरी है जिससे एक बेहतरीन भविष्य का निर्माण किया जा सकता है| आप सभी ने चुना प्रचार के दौरान देखा होगा की जो भी नेता आपके पास आता है वो आपको समाज और देश के विकास के लिए भविष्य में कौन कौन से काम किए जाने चाहिए इसके बारे में बताते है| भविष्य के लिए बनाई गई योजनाओ का लाभ हमे और हमारी अगली पीढ़ी को जरूर मिलती है|
7 – नवीन धारणाओं का निर्माण
जैसे जैसे राजनीति में युवा पीढ़ी आने लगेगी वैसे वैसे राजनीति में नवीन धारणाओं का निर्माण होगा, युवाओ की सोच राजनीति का रुख बदलती हुई नजर आएगी| जिस राजीनीतिक पार्टी में युवा नहीं है उस पार्टी की सोच अभी भी पुरानी वाली ही चल रही है और उनके सोचने का तरीका भी वही पुराना है| युवा नई नई टेक्नोलॉजी के साथ तेजी से विकास करने में सक्षम होते है|
8 – अनुशासन बनाये रखने में सहायक
समाज के लोगो के बीच अनुशासन होना बहुत ज्यादा जरुरी है, राजनीति में अनुशासन की अपनी अलग अहम् भूमिका होती है, चुनाव से पहले आप किसी भी नेता को देख लें वो आपसे विन्रमता से पेश आता है, चुनाव जितने के बाद नेता जी के तेवर बदल जाते है, इसके अलावा समाज में अनुशासन नहीं होता है तो कई तरह की परेशानियो का सामना करना पड़ सकता है|
9 – संतुलनकारी भूमिका में मददगार
राजनेता और समाज में रहने वाले अलग अलग धर्म, सोच और विचारो के लोगो के बीच संतुलन बनाने में अहम् भूमिका निभाता है, इसके अलावा राजनैतिक पार्टियों में भी संतुलन बनाए रखना बहुत ज्यादा जरुरी है| आसान भाषा में समझे की कहीं पर भी किन्ही दो लोगो में झगड़ा हो गया है तो ऐसे में राजनेता दोनों की बात सुनकर झगड़ें को सुलझा कर आपस में दोस्ती कराने में अहम् भूमिका निभाता है|
निष्कर्ष –
हम आशा करते है की आपको हमारे लेख राजनीति क्या है? (rajniti kya hai) में बताई गई जानकारी पसंद आई होगी, वैसे तो आज के समय में हर इंसान को राजनीति अलग अलग जगहों पर देखने को मिलती है| घर, कॉलेज और ऑफिस इत्यादि में राजनीति दिखाई देती है, अगर आपको हमारे लेख में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे इस पेज को अधिक से अधिक शेयर करने की कोशिश करें|