Quantum Sankhya Kya Hai? क्वांटम संख्या कितने प्रकार की होती है?

Quantum Sankhya Kya Hai?: क्वांटम संख्या का नाम आपने कभी ना कभी जरूर सुना होगा| आमतौर पर क्वांटम संख्या के बारे में कम इंसानो को ही पता होता है और कुछ इंसान ऐसे होते है जिन्हे क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) का नाम तो पता होता है| अगर आपको भी क्वांटम संख्या के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारा यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित होने वाला है क्योंकि आज हम अपने इस लेख में क्वांटम संख्या के बारे में अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करा रहे है| परमाणु के बारे में तो आप सभी अच्छी तरह से जानते ही होंगे अगर आप परमाणु के बारे नहीं जानते है तो परेशान ना हो पहले हम आपको परमाणु के बारे बताते है| परमाणु किसी पदार्थ का वो छोटे से छोटा कण होता है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है| परमाणु तीन कणों से मिलकर बना होता है उन तीनो कणों का नाम है प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन|

इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के चारो तरफ घूमते रहते है| क्वांटम संख्या की मदद से इलेक्ट्रान के बारे में जानकारी प्राप्त होती है| इसीलिए क्वांटम संख्या का महत्व काफी ज्यादा होता है| जिन इंसानो को क्वांटम संख्या के बारे में जानकारी नहीं होती है वो इसके बारे में जानने के लिए इंटरनेट का सहारा लेते है| ऐसे इंसान इंटरनेट पर क्वांटम संख्या किसे कहते हैं ? क्वांटम संख्या की खोज किसने की थी? क्वांटम संख्या की परिभाषा क्या है? क्वांटम संख्या क्या है? क्वांटम संख्या कितने प्रकार की होती है? चुंबकीय क्वांटम संख्या किसे कहते हैं? चक्रण क्वांटम संख्या क्या है? द्विगंशी क्वांटम संख्या क्या होती है? मुख्य क्वांटम संख्या क्या है? इत्यादि लिखकर सर्च करता है| चलिए अब हम आपको सबसे पहले क्वांटम संख्या क्या है (quantum sankhya kya hai) इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे

क्वांटम संख्या क्या होती है? (Quantum sankhya kya hai)

ऊपर आप यह तो पढ़ ही चुके है परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन से मिलकर बनता है| क्वांटम संख्या परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रान के कोश, उपकोश, कक्षक और इलेक्ट्रान की चक्रण करने की दिशा के बारे में जानकारी उपलब्ध कराती है| क्वांटम संख्या के माध्यम से इलेक्ट्रान किस कोश रहता है, किस उपकोष में मौजूद है, किस कक्षक में मौजूद है, किस दिशा में चक्कर लगा रहा है इत्यादि जानकारी प्राप्त होती है| इलेक्ट्रान के बारे में बताने के लिए जिन संख्याओं का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें क्वांटम संख्या कहा जाता है| परमाणु में मौजूद इलेक्ट्रान की स्थिति कैसी है, आकार कैसा है, इलेक्ट्रान में ऊर्जा कितनी है इत्यादि के बारे में जानकारी क्वांटम सख्या के आधार पर प्राप्त की जा सकती है|

सरल भाषा में समझे तो परमाणु में बहुत सारे इलेक्ट्रान मौजूद होते है लेकिन सभी इलेक्ट्रान एक सामान नहीं होते है| सभी इलेक्ट्रान का आकार अलग अलग होता है और सभी इलेक्ट्रान में एक सामान ऊर्जा भी नहीं देखने को मिलती है| यह आप ऊपर पद चुके है की इलेक्ट्रान घूमता रहता है तो इलेक्ट्रान क्लॉक वाइज घूम रहा है या एंटीक्लॉक वाइज इस बारे में जानकारी भी क्वांटम संख्या से मिलती है| आप ऐसे भी कह सकते है की क्वांटम संख्या के जरिए हमे इलेक्ट्रान के बारे में काफी ज्यादा जानकारी प्राप्त होती है| अधिकतर इंसान यह सोचते है की क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) केवल इलेक्ट्रान के बारे जानकारी उपलब्ध कराती है| हालाँकि यह बात सच नहीं है क्वांटम संख्याओं का इस्तेमाल परमाणु के अन्य कण अर्थात प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है|

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क्वांटम संख्या कितने प्रकार की होती है?

ऊपर आपने क्वांटम संख्या कया होती है (quantum sankhya kya hai) ? के बारे में पढ़ा| अब हम आपको क्वांटम संख्या के प्रकारो के बारे में बताने जा रहे है| काफी सारे बच्चो के मन में यह सवाल रहता है की क्वांटम संख्या कितने प्रकार की होती है? तो हम आपको बता दें की क्वांटम संख्या चार प्रकार – मुख्य क्वांटम संख्या, द्विगंशी क्वांटम संख्या, चुंबकीय क्वांटम संख्या और चक्रण क्वांटम संख्या की होती है| जिनके बारे में हम आपको नीचे जानकारी उपलब्ध करा रहे है   

1 – मुख्य क्वांटम संख्या क्या होती है? (Principal Quantum Number in Hindi)

मुख्य क्वांटम संख्या को क्वांटम संख्या का पहला प्रकार कहा जाता है| मुख्य क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) उस कक्ष के बारे में जानकारी उपलब्ध कराती है जिसमे इलेक्ट्रान मौजूद होते है| इस कक्ष को मुख्य ऊर्जा स्तर कहा जाता है| मुख्य क्वांटम संख्या के माध्यम से उस कक्ष में मौजूद इलेक्ट्रान की केन्द्रक से दूरी और उस कक्ष की ऊर्जा के बारे में जानकारी प्राप्त होती है| मुख्य क्वांटम संख्या को अंग्रेजी में Principal Quantum Number कहा जाता है| मुख्य क्वांटम संख्या को n से दर्शाया जाता है और n का मान 1 से शुरू होता है| n का मान कोई भी धनात्मक पूर्णाक नंबर हो सकता है। आप ऐसे भी समझ सकते है की n का मान 1,2,3,4,5,6,… अंनत तक हो सकता है। मुख्य क्वांटम संख्या के माध्यम से परमाणु नाभिक की इलेक्ट्रॉन से दूरी के साथ साथ इलेक्ट्रॉन के वेग के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में मददगार होती है| मुख्य क्वांटम संख्या की मदद से तरंग के आयाम के बारे में जानकारी प्राप्त होती है| किसी भी कक्ष में जितनी क्वांटम की संख्या ज्यादा होती है तो उस कक्ष में इलेक्ट्रान की ऊर्जा भी उतनी ही अधिक होती है| मुख्य क्वांटम संख्या n के मान 1,2,3,4…. को K,L,M,N…… इत्यादि अक्षरों से दर्शाएं जाते है|

2 – द्विगंशी क्वांटम संख्या क्या होती है ? (Azimuthal Quantum Number in Hindi)

द्विगंशी क्वांटम संख्या के माध्यम से इलेक्ट्रॉन के उप ऊर्जा स्तर के बारे में जानकारी प्राप्त होती है| ऐसे इलेक्ट्रान जिनकी मुख्य क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) एक होती है लेकिन सभी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा समान नहीं होती है| द्विगंशी क्वांटम संख्या कक्षक की आकृति के साथ साथ इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग की ऊर्जा का निर्धारण भी करती है| सरल भाषा में आप ऐसे समझ सकते है की इलेक्ट्रॉन के उप ऊर्जा स्तर के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने वाली क्वांटम संख्या को दिगंशी क्वांटम संख्या कहा जाता है| द्विगंशी क्वांटम संख्या को अंग्रेजी में Azimuthal Quantum Number के नाम से जाना जाता है| द्विगंशी क्वांटम संख्या को ℓ से प्रदर्शित किया जाता है| द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ का मान मुख्य क्वांटम संख्या n पर निर्भर होता है। द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ का मान जीरो से लेकर n-1 के बराबर होता है| चलिए अब हम आपको द्विगंशी क्वांटम संख्या के मान के कुछ उदहारण नीचे उपलब्ध करा रहे है जिससे आपको समझने में आसानी होगी

– अगर मुख्य क्वांटम संख्या n का मान 1 है तो द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ का मान 0 (0 और n-1 यानी 1-1=0) होगा|

– मुख्य क्वांटम संख्या n का मान 2 होता है तो द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ का मान 0,1 होगा|

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– मुख्य क्वांटम संख्या n का मान 3 है तो द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ का मान 0,1,2, होगा|

– मुख्य क्वांटम संख्या n का मान 4 है तो द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ का मान 0,1,2,3 होता है|

द्विगंशी क्वांटम संख्या ℓ के मान 0,1, 2, 3 को क्रमशः s, p, d, f इत्यादि अक्षरों से दर्शाया जाता है| s, p, d, f उपकक्षको की आकृति अलग अलग होती है जिसके बारे में हम आपको नीचे जानकारी उपलब्ध करा रहे है| 

3चुंबकीय क्वांटम संख्या क्या होती है (Magnetic Quantum Number in Hindi)

चुंबकीय क्वांटम संख्या को अंग्रेजी में Magnetic Quantum Number कहा जाता है|  किसी भी कोश में मौजूद सभी कक्षको की संख्या या कक्षक के अभिविन्यास को प्रदर्शित करने वाली क्वांटम संख्या को चुंबकीय क्वांटम संख्या कहा जाता है| चुंबकीय क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) द्विगंशी क्वांटम संख्या पर निर्भर करती है| चुंबकीय क्वांटम संख्या के माध्यम से कक्षको के बारे में जानकारी प्राप्त होती है आप ऐसे भी समझ सकते है की जितनी चुंबकीय क्वांटम संख्या होती है उतने ही कक्षक होते है| चुंबकीय क्वांटम संख्या को m से प्रदर्शित करा जाता है| यह तो आप समझ ही गए होंगे की m का मान l पर निर्भर करता है  किया जाता है। चुंबकीय क्वांटम संख्या का मान ± ℓ से लेकर 0 तक फिर 0 से ∓ℓ तक होता है। चलिए अब हम आपको चुंबकीय क्वांटम संख्या का मान निकालने के कुछ उदहारण बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप आसानी से समझ सकते है की चुंबकीय क्वांटम संख्या का मान कितना होता है

– द्विगंशी क्वांटम संख्या या m का मान 1 होता है तो चुंबकीय क्वांटम संख्या का मान +1,0,-1 होगा|   

– – द्विगंशी क्वांटम संख्या या m का मान 2 है तो चुंबकीय क्वांटम संख्या का मान +2,+1,0,-1,-2 होता है|   

– – द्विगंशी क्वांटम संख्या या m का मान 3 है तो चुंबकीय क्वांटम संख्या का मान +3,+2,+1,0,-1,-2,-3 होगा|   

4चक्रण क्वांटम संख्या क्या होती है ? (Spin Quantum Number in Hindi)

चक्रण क्वांटम संख्या के नाम से आपको अंदाजा लग रहा होगा की इसमें आपको दिशा के बारे में जानकारी प्राप्त होती है| चक्रण क्वांटम संख्या को अंग्रेजी में Spin Quantum Number के नाम से जाना जाता है| चक्रण क्वांटम संख्या को क्वांटम संख्या का चौथा प्रकार माना गया है| किसी भी कक्ष में मौजूद इलेक्ट्रान के चक्रण की दिशा के बारे में जानकारी चक्रण क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) के द्वारा मिलती है| आसान भाषा में समझे तो किसी भी कक्ष में मौजूद इलेक्ट्रॉन घूमते रहते है, इलेक्ट्रॉन क्लॉक वाइज घूम रहे है या एंटी क्लॉक वाइज घूम रहे है| इसके बारे में जानकारी चक्रण क्वांटम संख्या के माध्यम से मिलती है| इस क्वांटम संख्या को s से प्रदर्शित करते है। चक्रण क्वांटम संख्या के मान या s के मान +1/2 या -1/2 होते है| जब इलेक्ट्रॉन क्लॉक वाइज चक्रण करता है तो चक्रण क्वांटम संख्या का मान +1/2 होता है और अगर इलेक्ट्रॉन एंटी क्लॉक वाइज चक्रण करता है तो चक्रण क्वांटम संख्या का मान -1/2 होता है|

क्वांटम संख्या का जनक कौन है?

क्वांटम संख्या (quantum sankhya kya hai) के बारे में तो आप ऊपर पढ़ चुके है, लेकिन काफी सारे इंसानो के मन में यह सवाल भी रहता है की क्वांटम संख्या के जनक कौन थे? या क्वांटम संख्या की खोज किसने की थी? तो हम आपको बता दें की क्वांटम संख्या के जनक का नाम माक्स प्लांक है| माक्स प्लांक का जन्म वर्ष 1921 में हुआ था और वो एक जर्मन वैज्ञानिक थे| माक्स प्लांक की खोजो ने भौतिक विज्ञान में क्रांति ला दी थी| माक्स प्लांक को उनकी खोजो के लिए नोबेल पुरूस्कार भी दिया गया था|    

ऑर्बिटल्स क्या हैं?

ऊपर आपने पढ़ा क्वांटम संख्या क्या होती है (quantum sankhya kya hai)? अब हम आपको ऑर्बिटल्स या कक्षक के बारे जानकारी उपलब्ध करा रहे है| किसी भी परमाणु के नाभिक के चारो तरफ इलेक्ट्रान होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है| नाभिक के चारो तरफ के स्थान को त्रिविमीय स्थान परमाणु कक्षक कहलाता है। प्रत्येक परमाणु में कई प्रकार के कक्षक मौजूद होते हैं। प्रत्येक कक्षक का आकार अलग अलग होता है| चार प्रकार के कक्षक होते है जिन्हे s कक्षक, p कक्षक, d कक्षक और f कक्षक| अगर हम चारो कक्षक की दिशा के बात करें तो s कक्षक अदिशात्मक होता है| p कक्षक, d कक्षक और f कक्षक दिशात्मक होते है| चलिए अब हम आपको चारो कक्षको के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है 

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S कक्षक क्या होता है ? (S Orbital in Hindi)

S कक्षक को पहले कक्षक के रूप में जाना जाता है| S ऑर्बिटल्स का आकार गोलाकार होता है। s कक्षक में दो से ज्यादा इलेक्ट्रॉन नहीं रह सकते है| जैसे जैसे मुख्य क्वांटम संख्या का मान बढ़ता है वैसे वैसे s कक्षक का आकार भी बढ़ता हुआ देखा जा सकता है| पहला कक्षक 1s होता है जब मुख्य क्वांटम संख्या n का मान बढ़ता है तो s कक्षक का मान बढ़कर 2s हो जाता है| इसी तरह से s कक्षक का मान या आकार बढ़कर 3s और 4s तक बढ़ता है गया है|

P कक्षक क्या होता है ? (P Orbital in Hindi)

दूसरा कक्षक p कक्षक के नाम से जाना जाता है| p कक्षक की आकृति डम्बल के आकार में होती है और p कक्षक में अधिकतम छह इलेक्ट्रॉन हो सकते है। पी कक्षक के अंदर दो भाग होते है जिन्हें लोब के नाम से जाना जाता है| लोब परमाणु के नाभिक से गुजरने वाले विमान के दोनों  तरफ मौजूद होते हैं। P कक्षक आकार और ऊर्जा के मामले में समान होते है| लोब तीन अक्षों x, y और z में होते है और इन तीन कक्षकों को 2px, 2py और 2pz के रूप में दर्शाया जाता है| p कक्षक का आकार और ऊर्जा मुख्य क्वांटम संख्या पर निर्भर होता है| जैसे जैसे मुख्य क्वांटम संख्या का मान बढ़ता है वैसे वैसे p कक्षको का आकार और ऊर्जा बढ़ती जाती है| p कक्षको के बढ़ते मान को 2p, 3p और 4p में प्रदर्शित किया जाता है|

D कक्षक क्या होता है ? (D Orbital in Hindi)

डी कक्षक परमाणु कक्षक का तीसरा कक्षक होता है और d कक्षक की आकृति की बात करें तो इस कक्षक का आकार द्वि-डम्बल होता है। d कक्षक में 10 से ज्यादा इलेक्ट्रॉन नहीं रह सकते है| d कक्षकों के मान को चुंबकीय कक्षीय क्वांटम संख्या (-2, -1, 0, 1, 2) के रूप में दर्शाया जा सकता है| d कक्षक में पांच कक्षक मौजूद होते है जिन्हे d xy , d yz , d xz , d x 2 – y 2 और d z 2 के पदनाम से प्रदर्शित किया जाता है| d कक्षक में मौजूद पांचो कक्षको की ऊर्जा सामान होती है| आकार की बात करें तो dxy, dyz, dzx और dx2 – y2     का आकार सामान होता है लेकिन dz2 कक्षक का आकार अलग होता है| इसीलिए हम कह सकते है पांचो कक्षक का आकार अलग अलग होता है|

F कक्षक क्या होता है ? (F Orbital in Hindi)

परमाणु कक्षक का चौथा या आखिरी कक्षक f कक्षक होता है| प्रत्येक f उपकोष में सात कक्षक मौजूद होते है, जिनमे 14 से ज्यादा इलेक्ट्रॉन नहीं रह सकते है| f कक्षक की आकृति की बात करें तो f कक्षक की आकृति गोलाकार जटिल होती है| F ऑर्बिटल की संगत चुंबकीय क्वांटम संख्याएँ होती है और f कक्षक के पास द्वितीयक क्वांटम संख्या I = 3 अर्थात -3, -2, -1, 0, 1, 2 3 होता है| प्रत्येक F कक्षक में कई सारे नोडल बिंदु और एक मल्टी लॉब्ड होता है।

क्वांटम संख्या का उद्देश्य

यह तो आप ऊपर पढ़ चुके है की क्वांटम संख्या क्या होती है (quantum sankhya kya hai) और क्वांटम संख्या कितने प्रकार की होती है? क्वांटम संख्या की खोज होने से पहले इलेक्ट्रान के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं थी| क्वांटम संख्या की खोज होने के बाद इलेक्ट्रान की ऊर्जा और चक्रण की दिशा के साथ साथ कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई| जिसकी मदद से परमाणु में मौजूद इलेक्ट्रान के बारे काफी सारी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई थी|

निष्कर्ष –

हम आशा करते है की आपको हमारे लेख क्वांटम संख्या क्या होती है (quantum sankhya kya hai) और क्वांटम संख्या कितने प्रकार की होती है? में दी गई जानकारी पसंद आई होगी| अगर आपको हमारे लेख में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पेज को अधिक से अधिक शेयर करके ऐसे लोगो के पास तक पहुँचाने में मदद करें जिन्हे क्वांटम नंबर के बारे में जानकारी नहीं है|

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