Harniya Kya Hota Hai (हर्निया क्या है)? हर्निया होने के कारण और लक्षण

Harniya kya hai?: आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में खराब खानपान और बिगड़ती दिनचर्या की वजह से इंसान के शरीर में काई तरह की परेशानियो या बीमारियो का सामना करना पढता है, जिनमे से एक परेशानी का नाम हर्निया भी है। हर्निया की परेशानी धीरे धीरे बढ़ती है और अगर समय से इस परेशानी का इलाज ना किया जाएं तो हर्निया की परेशानी गंभीर रूप भी ले सकती है। हालाँकि काफी सारे लोगो को हर्निया के बारे में जानकारी नहीं होती है, चलिए सबसे पहले हम आपको हर्निया क्या होता है(harniya kya hai), इसके बारे में जानकारी दे रहे है।

हर्निया क्या है (Harniya Kya Hota Hai)?- (What is Hernia in Hindi)

हर्निया अधिकतर मामलो में पेट में ही होता है, दरसल जब किसी भी महिला या पुरुष के पेट की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है तो जिस जगह की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है उस जगह की आंतें शरीर से थोड़ा बाहर निकलने लगती है, इस स्थिति या उभरे हुए भाग को हर्निया (harniya kya hai) कहा जाता है। कुछ लोगो में हर्निया की परेशानी जन्मजात ही देखी जाती है, हालाँकि हर्निया का इलाज आसानी से किया जा सकता है। हर्निया की परेशानी से बचने के लिए आपको हर्निया होने के कारणों के बारे में जानकारी होना बहुत ज्यादा जरुरी है, चलिए अब हम आपको हर्निया होने के कारणों के बारे में बताते है।

हर्निया होने के कारण

हर्निया होने के कई सारे कारण होते है, आमतौर पर मांसपेशियां कमजोर होने की वजह से हर्निया की परेशानी होती है। मांसपेशियां कमजोर होने के कारण अलग अलग हो सकते है, चलिए अब हम आपको हर्निया होने के कुछ कारणों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – हर्निया होने का एक कारण उम्र बढ़ना भी होता है, जैसे जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है वैसे वैसे इंसान के शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है, जिसकी वजह से हर्निया की परेशानी होए की प्रबल संभावना होती है।

2 – कुछ मामलो में इंसान को चोट लगने के कारण उसके शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से हर्निया की परेशानी हो सकती है।

3 – महिलाओ में हर्निया की परेशानी होने का एक कारण गर्भावस्था भी होती है, दरसल जब कोई भी महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव होते है। जिसकी वजह से कई मामलो उनके शरीर की मांशपेशियां कमजोर हो जाती है, ऐसे में उन्हें हर्निया की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

4 – हर्निया होने के प्रमुख कारण मोटापा भी होता है।

5 – आम इंसानो के मुकाबले धूम्रपान करने वाले इंसानो में हर्निया की परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है।

6 – अगर किसी भी इंसान को पुरानी खांसी की समस्या होती है तो ऐसे इंसानो में हर्निया की परेशानी होने की प्रबल संभावना होती है।

7 – ऐसी महिलाऐं जिन्हे पीसीओडी की समस्या होती है उनमे हर्निया की परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है।

8 – अगर आपके परिवार के सदस्य जैसे पिता, माता, चाचा, ताऊ या बड़े भाई और बहन इत्यादि को हर्नियां की समस्या है तो आपको भी हर्निया की परेशानी हो सकती है, क्योंकि हर्निया की परेशानी होने का एक कारण अनुवांशिकता भी होता है।

9 – हर्निया की परेशानी होने का प्रमुख कारण कब्ज भी होता है, अगर किसी भी महिला या पुरुष को पुरानी कब्ज की समस्या है तो ऐसे इंसानो में हर्निया की परेशानी होने की प्रबल संभावना होती है।

10 – आज के समय में एक्सरसाइज़ करना सभी को पसंद होता है, लेकिन अधिक वजन के साथ एक्सरसाइज करने की वजह से आपको हर्निया की परेशानी हो सकती है।

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11 – दैनिक जीवन में वजन उठाना आम बात है लेकिन इंसान को खाली पेट कभी भी भरी वजन नहीं उठाना चाहिए, भरी वजन की किसी चीज को उठाने के कारण शरीर की मांसपेशियो पर दबाव पढता है, जिसकी वजह से इंसान को कई बार हर्निया की परेशानी हो सकती है।

12 – शिशुओं में हर्निया होने का एक प्रमुख कारण जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होना भी होता है, ऐसे शिशु जिनका वजन जन्म के समय नार्मल वजन से कम होता है उनमे हर्निया की परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। 

हर्निया रोग के लक्षण (Symptoms of Hernia in Hindi)

ऊपर आपने हर्निया होने कारण के बारे में पढ़ा, अब हम आपको हर्निया के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे है। अगर आपको हर्निया के लक्षण पहले से पता होते है तो आप आसानी से हर्निया को पहचान सकते है और हर्निया की बिमारी का पता अगर शुरूआती दौर में चल जाएं तो आपको इलाज करने में आसानी हो जाती है। चलिए अब हम आपको हर्निया के लक्षणों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

1 – हर्निया से प्रभावित भाग हिस्सा उभरा हुआ नजर आता है।

2 – अगर आप हर्निया से प्रभावित हिस्से को छूटे है तो आपको दर्द महसूस होता है।

3 – बिना किसी वजह से अगर आपको शरीर में भारीपन महसूस हो रहा है तो यह हर्निया के लक्षण में शामिल है।

4 – अगर किसी भी इंसान को देर तक खड़े रहने में परेशानी हो रही है तो इसके पीछे की वजह हर्निया की परेशानी हो सकती है।

5 – अगर आपको मल और मूत्र का त्याग करते समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इसके पीछे का कारण हर्निया की परेशानी हो सकती है।

6 – अगर आपको अपनी त्वचा के अंदर कुछ फुला फुला सा महसूस हो रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि यह हर्निया भी हो सकता है।

7 – हर्निया का लक्षण शरीर के किसी हिस्से से चर्बी का बाहर निकलना भी होता है।

हर्निया के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Hernia in Hindi

हर्निया की परेशानी से बचने के लिए आप घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल किया जा सकता है, हालाँकि हर्निया का इलाज करने के लिए सबसे पहले हर्निया के डॉक्टर से परामर्श और इलाज कराएं। अब हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बता रहे है जिन्हे अपनाकर आप हर्निया के लक्षणों को कम करने में सफल हो सकते है, हर्निया का घरेलू इलाज निम्न नुस्खों से किया जा सकता है।

हर्निया का घरेलू उपचार है गर्म पानी

आपने काफी सारे लोगो के मुंह से सुना होगा की गर्म पानी पीना चाहिए, दरसल गर्म पानी हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है। नियमित रूप से सुबह खाली पेट लगभग एक गिलास गुनगुना पानी पीने से आपको मल त्यागने में आसानी होने के साथ साथ कब्ज की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। अगर आप हर्निया के लक्ष्णों को कम करना चाहते है तो रोजाना सुबह गर्म पानी जरूर पिएँ।

हर्निया का घरेलू इलाज है एलोवेरा

एलोवेरा के बारे में सभी अच्छी तरह से जानते है, लेकिन अधिकतर इंसानो को यह पता है की एलोवेरा त्वचा को सुन्दर बनाने के काम आता है। काफी कम इंसानो को पता है की हर्निया के इलाज में भी एलोवेरा काफी लाभदायक होता है, दरसल एलोवेरा में मौजूद औषधीय गुण और जरुरी पोषक तत्व कब्ज की समस्या को कम करने के साथ साथ हर्निया के लक्षणों को काम करने में मददगार साबित होता है। हर्निया की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से सुबह और शाम खाना खाने से 15 से 20 मिनट पहले लगभग आधा कप एलोवेरा जूस का सेवन कर लें। नियमित रूप से इस नुस्खे को करने से बहुत जल्द आपको हर्निया की परेशानी में आराम मिलता है।

हर्निया का देसी इलाज है बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल लगभग सभी घरो में किया जाता है, अगर आपके घर में बेकिंग सोडा नहीं है तो आसानी से किसी भी पंसारी दूकान से मिल जाता है। बेकिंग सोडा में मौजूद औषधीय गुण और तत्व हर्निया के लक्षणों को कम करने में सहायक होते है, सबसे पहले एक गिलास पानी लेकर उसमे लगभग आधा चम्मच बेकिंग सोडा डालकर अच्छी तरह से मिलकर पी लें। रोजाना दिन में एक बार बेकिंग सोडा मिला पानी पीने से जल्द हर्निया की परेशानी में आराम मिलता है।

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हर्निया की घरेलू दवा है अदरक

सर्दियों में शायद ही कोई घर हो जिसमे अदरक का इस्तेमाल ना किया जाता हो, लेकिन क्या आपको पता है की अदरक हर्निया के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। अदरक को एसिडिटी और अपच की समस्या से निजात दिलाने में मददगार होता है, हर्निया की देसी दवा बनाने के लिए सबसे पहले एक कप पानी लेकर उन्हें गर्म होने के लिए रख दें। फिर इस पानी में थोड़ा सा अदरक अच्छी तरह से कूट कर डाल दें, फिर पानी को लगभग 3 से 5 मिनट तक उबाल कर गैस को बंद कर दें। फिर जब यह मिश्रण हल्का गर्म रह जाएं तो इसे कप में छान लें, फिर इसमें थोड़ा सा शहद डालकर अच्छी तरह से मिलाकर सेवन कर लें। नियमित रूप से दिन में दो बार अदरक के इस नुस्खे को अपनाने से आपको जल्द हर्निया की परेशानी में आराम मिलता है।

हर्निया के प्रकार – Types of Hernia in Hindi

ऊपर आपने पड़ा की हर्निया क्या है? चलिए अब हम आपको हर्निया के प्रकारो के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

इनगुइनल हर्निया – इनगुइनल हर्निया को हर्निया का सबसे आम प्रकार माना जाता है और आमतौर पर इस तरह का हर्निया पुरुषो में ज्यादा देखने को मिलता है। इनगुइनल हर्निया पेट और जांघ के बीच वाले हिस्से के कमजोर क्षेत्र में देखने को मिलता है।

फेमोरल हर्निया – फेमोरल हर्निया की परेशानी महिलाओ में ज्यादा देखने को मिलती है, इस तरह का हर्निया ग्रोइन के पास जांघ के ऊपर वाले हिस्से में देखने को मिलता है।

इनसीजनल हर्निया – इनसीजनल हर्निया पेट में होता है, इस तरह का हर्निया होने का मुख्य कारण पेट की मांसपेशियो का कमजोर होना माना जाता है। आमतौर पर जिन इंसानो के पेट की पहले कभी सर्जरी हई है उनमे इनसीजनल हर्निया होने की सम्भावना काफी ज्यादा होती है।

अम्बिलिकल हर्निया – अम्बिलिकल हर्निया की परेशानी अधिक वजन के लोगो या शिशुओं में ज्यादा देखने को मिलता है और इस तरह का हर्निया नाभि के आस पास देखने को मिलता है। अम्बिलिकल हर्निया होने का कारण नाभि के पास एब्डॉमिनल वॉल का कमजोर होना माना जाता है।

डायफ्रेग्मेटिक हर्निया – डायफ्रेग्मेटिक हर्निया अन्य हर्निया से अलग होता है दरसल इस तरह का हर्निया बाहर की तरफ दिखाई नहीं देता है। दरसल इस तरह का हर्निया शरीर के अंदरूनी भाग में बढ़ता है और इस हर्निया में डायाफ्राम का अंतराल बढ़ने के साथ साथ पेट का कुछ हिस्सा चेस्ट की तरफ बढ़ जाता है।

हर्निया की जाँच

हर्निया की परेशानी हो जाने पर काफी लोगो को यह समझ में नहीं आता है की आखिर हर्निया की जांच कैसे की जाती है? दरसल हर्निया का इलाज कराने के लिए जब आप डॉक्टर के पास जाते है तो डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट या जाँच कराने की सलाह देता है, जिससे आपकी परेशानी की गंभीरता के बारे में जानकारी मिलती है। नीचे हम आपको कुछ टेस्ट या जांच एक बारे में बताने जा रहे है जिनसे हर्निया के बारे में जानकारी मिलती है।

एंडोस्कोपी – जब आप हर्निया का इलाज कराने के लिए चिकित्सक के पास पहुँचते है तो कुछ मामलो में चिकित्सक आपको एंडोस्कोपी कराने की सलाह देते है। एंडोस्कोपी में पीड़ित के गले की नली के माध्यम से एक पतली ट्यूब को आपके पेट में डाला जाता है, पेट में डाली जाने वाली ट्यूब के अंत में एक छोटा सा कैमरा लगा होता है जिससे पेट के अंदर के छोटे छोटे अंगों की फोटो कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देते है, जिससे आपकी परेशानी के बारे में जानकारी मिलती है।

अल्ट्रासाउंड – काफी सारे मामलो में हर्निया की जांच के लिए डॉक्टर अल्ट्रासॉउन्ड कराने की सलाह देता है। अल्ट्रासाउंड में पीड़ित के पेट पर एक जेल लगाया जाता है, उसके बाद अल्ट्रासॉउन्ड की मशीने से पेट के अंदर की नसों में हर्निया की स्थिति को कंप्यूटर स्क्रीन पर देखा जाता है, जिससे हर्निया की स्थिति के बारे में पता चलता है।

सीटी स्कैन : हर्निया की जांच आप सीटी स्कैन की मदद से भी कर सकते है, सीटी स्कैन में एक्स-रे (X-rays) मशीन की मदद से कंप्यूटर पर आंतरिक अंगों की फोटो को देख हर्निया के बारे में जानकारी मिलती है। हालाँकि आज के समय में टेक्नोलॉजी काफी ज्यादा एडवांस और बढ़ चुकी है ऐसे में गैस्ट्रोग्राफिन या बेरियम एक्स-रे की सुविधा आ गई है, जिसमे एक्स रे के मुकाबले काफी साफ़ फोटो दिखाई देते है। हर्निया की जांच कराने के लिए इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल काफी किया जा रहा है क्योंकि इस एक्स रे में मरीज के पेट के आंतरिक अंगों की तस्वीर काफी क्लियर दिखाई देती है। इस तरह की जांच में मरीज को डायट्रीज़ोएट मेगलुमिन और डायट्रीज़ोएट सोडियम या एक लिक्विड बेरियम का सोल्युशन पीने की सलाह देते है उसके बाद हर्निया की जांच की जाती है।

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एमआरआई से हर्निया की जाँच – काफी सारे मामलो में डॉक्टर हर्निया की जांच कराने के लिए एमआरआई कराने की सलाह देते है, इस जाँच में मैग्नेटिक और रेडियो वेब की मदद से हर्निया की स्थिति के बारे जानकारी प्राप्त की जाती है।

हर्निया से बचने के उपाय

ऊपर आपने हर्निया के बारे में जानकारी प्राप्त की, अब हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे है जिन्हे अपनाकर आप आसानी से हर्निया की परेशानी से बच सकते है। हर्निया से बचने के उपाय निम्न प्रकार है।

1 – यह तो आप ऊपर पढ़ चुके है की हर्निया होने का एक कारण मोटापा या वजन बढ़ना भी होता है, इसीलिए अपने वजन को हमेशा संतुलित रखें और वजन को बढ़ने ना दें।

2 – अगर आपको कब्ज की परेशानी रहती है तो नियमित रूप से एक्सरसाइज़ या व्यायाम करें जिससे कब्ज की समस्या ना रहें, कब्ज भी हर्निया होने का कारण होती है।

3 – किसी भी इंसान को पेशाब और मल को रोकना नहीं चाहिए और ना ही पेशाब या मल त्यागते हुए जोर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि जो लगाने से इंसान के शरीर की नसों पर दबाव पड़ता है जो नुकसानदायक होता है।

4 – इंसान को बहुत ऊँची जगह से कभी भी कूदना नहीं चाहिए, अधिक ऊंचाई से कूदने पर इंसान के पेट की नसों पर दबाव और नुकसान पहुँचता है, जिसकी वजह से हर्निया की परेशानी हो सकती है।

5 – अगर आप हर्निया की परेशानी से बचना चाहते है तो अधिक वजन उठाने से बचना चाहिए, अधिक वजन उठाने से पेट की नसों पर बहुत अधिक जोर या दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से परेशानी हो सकती है। अगर वजन उठाना बहुत ज्यादा जरुरी है तो खाली पेट वजन ना उठाएं।

6 – हर्निया की परेशानी होने का कारण धूम्रपान और अन्य तरह के नशीले पदार्थो का सेवन भी होता है इसीलिए अगर आप हर्निया की परेशानी से बचना चाहते है तो इन सब चीजों का सेवन बिलकुल ना करें।

हर्निया में क्या खाना चाहिए

जब कोई भी इंसान हर्निया की परेशानी से पीड़ित होता है तो उसके मन में यह सवाल जरूर आता है की हर्निया में क्या खाना चाहिए? हर्निया की समस्या से ग्रसित इंसान को अपने खाने पीने का खास ख्याल रखना जरुरी है कुछ मामलो में हर्निया का इलाज खाने पीने से किया जा सकता है। चलिए जानते है की हर्निया की परेशानी में पीड़ित को किन चीजों का सेवन करना चाहिए। अगर आप हर्निया की समस्या से पीड़ित है तो आपको हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, पालक, शतावरी, मशरूम, कद्दू, आलू, ब्रोकली, सेब, केले, नाशपाती, अंजीर और ब्राउन राइस इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

हर्निया में परहेज या हर्निया में क्या नहीं खाना चाहिए

हर्निया के मरीज को परहेज करना बहुत ज्यादा जरुरी है, अगर पीड़ित कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज नहीं करता है तो इस स्थिति में पीड़ित की बिमारी कम होने की बजाए बढ़ जाती है। चलिए अब हम आपको हर्निया में परहेज या हर्निया में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए इसके बारे में बता रहे है।

1 – हर्निया की परेशानी से पीड़ित इंसान को मसालेदार या तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

2 – पीड़ित को ऐल्कोहॉल, धूम्रपान या आने मादक पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए।

3 – कोल्ड ड्रिंक और कैफीन युक्त पेय पदार्थो का सेवन करने से परहेज करें।

4 – हर्निया की परेशानी से ग्रसित इंसान को जंक फ़ूड और फास्ट फूड का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।

5 – मांस का सेवन करने से परहेज करें।

6 – ऐसे आहार जिनमे उच्च वसा होती है उनका सेवन बिलकुल ना करें।

निष्कर्ष –

ऊपर आपने हर्निया क्या होता है ? हर्निया होने के कारण और लक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त की, लेकिन हम आपको सलाह देंगे की हर्निया के लक्षण दिखाई दें पर कभी भी लापरवाही ना करें तुरंत किसी चिकित्सक से परामर्श और इलाज कराएं। अगर आपको हमारे पेज में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अधिक से अधिक शेयर करें जिससे यह पेज उन लोगो के पास तक पहुँच जाएं जिन्हे हर्निया के बारे में जानकारी नहीं है।

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