ESR Test Kya Hai?: इंसान बीमारियो का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करवाता है आज हम आपको ESR ब्लड टेस्ट के बारे में बताने जा रहे है| काफी सारे इंसान ESR टेस्ट के बारे जानते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हे ESR टेस्ट (esr test kya hai) के बारे में जानकारी नहीं होती है| आज हम अपने इस लेख में ESR टेस्ट के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| चलिए सबसे पहले हम आपको बताते है की आखिर ESR टेस्ट कया होता है?
ESR test क्या है? (ESR test kya hota hai?)
ESR test एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है, जिसमे ब्लड में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं की जांच होती है| ESR टेस्ट के माध्यम से ब्लड में sediment rate की जानकारी प्राप्त होती है, किसी भी इंसान के शरीर में होने वाले किसी भी तरह के संक्रमण का पता लगाने के लिए ESR टेस्ट (esr test kya hai) करवाया जाता है। ESR टेस्ट से ब्लड में कोशिकाओं में संक्रमण दर के बारे में जानकारी प्राप्त होती है|
ESR test कैसे किया जाता है?
सबसे पहले आपका ब्लड सैंपल के रूप में लिया जाता है, फिर आपके ब्लड सैंपल को एक पतली और लंबी कांच की ट्यूब में रखा जाता है| उस ट्यूब के निचले हिस्से में एक छोटा सा छेद मौजूद होता है, उस छेद में से ब्लड धीरे धीरे बहकर बाहर आता है| ब्लड की एक बूँद कांच की ट्यूब में मौजूद छेद से बाहर निकलने का समय मापा जाता है, इसी माप के आधार पर जाँच की जाती है|
ESR फुल फॉर्म हिंदी और अंग्रेजी में
ऊपर आपने ESR टेस्ट क्या है? (esr test kya hai) के बारे में पढ़ा, अब हम आपको ESR की फुल फॉर्म हिंदी और अंग्रेजी के बारे में जानकारी दे रहे है,
ESR Full Form in English – ERYTHROCYTES SEDIMENTATION RATE
ESR Full Form in hindi – एरिथ्रोसाइट्स अवसादन दर
ईएसआर के बढ़ने के कारण (ESR Kyu Badhta Hai)
ऊपर आपने ESR (esr test kya hai)के बारे में पढ़ा, अब हम आपको ESR लेवल बढ़ने के कारणों के बारे में जानकारी दे रहे है| ईएसआर बढ़ने के कारणों के बारे में जानकारी सभी को होनी चाहिए क्योंकि अगर आपको ईएसआर बढ़ने के कारणों के बारे में जानकारी होती है तो आपको ESR को कम करने में आसानी हो सकती है| ESR बढ़ने के कारण निम्न प्रकार है
1 – महिलाओ में प्रेग्नेंसी के समय पर ESR लेवल बढ़ जाता है, प्रेग्नेंसी के समय पर महिला के शरीर के हार्मोन्स में अलग अलग तरह के बदलाव देखने को मिलते है| इसीलिए महिलाओ में ESR बढ़ने का कारण प्रेग्नेंसी भी होता है|
2 – बुढ़ापे में इंसान का शरीर कमजोर हो जाता है और बुढ़ापे इंसान को कई सारी परेशानियां या बीमारियां घेर लेती है, जिनमे से एक परेशानी ESR लेवल बढ़ने की भी देखी जाती है|
3 – जब किसी भी पुरुष या महिला के शरीर में खून की कमी हो जाती है तो ESR का लेवल का बढ़ जाता है| ESR बढ़ने के कारण में शामिल है खून की कमी होना|
4 – ESR बढ़ने का कारण थाइराइट की समस्या भी होती है, ऐसे इंसान जो थाइरॉइड की समस्या से ग्रसित है उनके ब्लड में ESR लेवल बड़ जाता है|
5 – कुछ मामलो में लिंफोमा की वजह से भी ESR लेवल बढ़ जाता है|
6 – ईएसआर लेवल बढ़ने का कारण गठिया की समस्या भी होती है|
7 – अगर किसी भी इंसान के शरीर की माशपेसियां और जोड़ों में दर्द की परेशानी हो रही है तो पीड़ित के ब्लड में ESR का लेवल बढ़ा हुआ हो सकता है|
8 – ब्लड में ESR लेवल बढ़ने का कारण रूमेटिक बुख़ार भी हो सकता है|
9 – अगर चेहरे पर किसी तरह का संक्रमण हो गया है तो इस संक्रमण की वजह से भी ESR का लेवल बड़ सकता है|
10 – वायरल इन्फेक्शन भी ESR लेवल (esr test kya hai) बढ़ने के कारणों में शामिल है|
11 – हृदय रोग से ग्रसित इंसान के ब्लड में ESR लेवल बढ़ने की सम्भाना काफी ज्यादा होती है|
12 – कोरोना वायरस के होने पर ब्लड में ESR लेवल (esr test kya hai) बढ़ जाता है|
13 – महिलाओ में पीरियड्स के समय में भी ESR बढ़ने की समस्या देखी जा सकती है|
ईएसआर रेट बढ़ने के लक्षण
ऊपर आपने ESR बढ़ने के कारणों के बारे में पढ़ा, अब हम आपको ESR लेवल बढ़ने के लक्षणों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| ESSR बढ़ने के लक्षण के बारे में जानकारी सभी को होनी चाहिए क्योंकि इन लक्षणों को पहचान कर आप ESR बढ़ने का पता शुरूआती दौर में ही कर सकते है, जिससे आपको इलाज में आसानी हो जाती है| ESR बढ़ने के लक्षण निम्न प्रकार है
1 – ESR बढ़ने का एक लक्षण सिर दर्द होता है, हालाँकि सर दर्द होने के कारण बहुत सारे होते है, इसीलिए अगर आपके सिर में लगातार दर्द या तेज दर्द की परेशानी हो रही है तो यह ESR बढ़ने का संकेत भी हो सकता है|
2 – अगर आपको हल्का बुखार या तेज बुखार आ रहा है तो इसके पीछे की वजह ESR बढ़ना भी हो सकता है| इसीलिए अगर बुखार आने पर लापरवाही ना करें तुरंत डॉक्टर से परामर्श और इलाज कराएं|
3 – ESR बढ़ने का लक्षण हड्डियों में संक्रमण भी होता है, जब किसी भी इंसान के ब्लड में ESR का स्तर बढ़ जाता है तो इसकी वजह से कई बार हड्डियों में संक्रमण की समस्या हो सकती है|
4 – कुछ मामलो में ESR बढ़ने की वजह से शरीर में संक्रमण फैलने की समस्या हो सकती है|
5 – आमतौर बच्चो में डायरिया की परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है, कुछ मामलो में डायरिया की परेशानी होने का कारण ESR बढ़ना भी देखा गया है|
6 – ESR बढ़ने का लक्षण बेचैनी होना भी होता है, ब्लड में ESR लेवल बढ़ने की वजह से पीड़ित को बैचेनी की समस्या महसूस हो सकती है|
7 – ESR बढ़ने की वजह से पेट में दर्द की परेशानी भी हो सकती है|
8 – अगर आपकी गर्दन और कन्धों में दर्द की परेशानी हो रही है तो यह ESR बढ़ने का लक्षण भी हो सकता है|
9 – ब्लड में ESR लेवल बढ़ने का लक्षण शरीर में जकडन की समस्या होना भी है|
10 – मल में खून आना भी ESR बढ़ने के लक्षणों में शामिल है, हालाँकि मल में खून आने की वजह अन्य भी हो सकती है| लेकिन मल में खून आने की समस्या को कभी भी हल्के में ना लें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें|
11 – ESR लेवल बढ़ने के लक्षण में शामिल है शरीर में सूजन आना भी हो सकता है, अगर आपके शरीर में सूजन की समस्या हो रही है तो एक बार ESR लेवल जरूर चेक करवा लें|
नार्मल ESR कितना होता है ?
अधिकतर इंसानो को ESR के नार्मल लेवल के बारे में जानकारी नहीं होती है, ऐसे में इंसान के मन में यह सवाल होता है की ESR लेवल की नार्मल रेंज कितनी होती है? चलिए हम आपको ESR की नार्मल रेंज के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है, हालाँकि ESR की नार्मल रेंज पुरुष, महिला और बच्चो की अलग अलग होती है| लेकिन हम आपको सलाह देंगे की ESR की सही और सटीक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें, नीचे हम आपको बच्चो और बड़ो में ESR की मात्रा के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है
1 – जब किसी भी बच्चे की ब्लड की जांच कराई जाती है और अगर बच्चे के ब्लड में ESR की मात्रा 2 mm/hr से लेकर 13 mm/hr के बीच में आती है तो इसे नार्मल माना रेंज माना जाता है| आमतौर पर जब किसी भी बच्चे का जन्म होता है तो बच्चे के जन्म के समय बच्चे के शरीर में मौजूद ब्लड में ESR 2 mm/hr होता है, जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे वैसे उसके शरीर में ESR की मात्रा बढ़ जाती है| युवा अवस्था में पहुँचने वाले बच्चों में ESR की मात्रा 13 mm/hr होती है|
2 – पुरुष में ESR लेवल की नार्मल रेंज कितनी होती है? तो हम आपको बता दें की अगर किसी भी पुरुष के शरीर में मौजूद ब्लड में ESR 15 mm/hr से लेकर 20 mm/hr के बीच में होता है यह पुरुष में ESR की नार्मल रेंज होती है| अगर किसी भी पुरुष की उम्र 50 वर्ष से कम है तो ऐसे पुरुष के शरीर में मौजूद ब्लड में लगभग ESR 15 mm/hr होता है तो ऐसा पुरुष स्वस्थ माना जाता है| जिन पुरुष की उम्र 50 वर्ष से अधिक होती है तो ऐसे पुरुष में ESR 20 mm/hr होता है तो कोई चिंता की बात नहीं है|
3 – पुरुष के मुकाबले महिलाओ के शरीर में ESR की मात्रा में अंतर होता है, आमतौर पर महिलाओ में ESR की नार्मल रेंज 20 mm/hr से लेकर 30 mm/hr होती है| ऐसी महिला जिसकी उम्र 50 वर्ष से कम है अगर उस महिला के शरीर में मौजूद ब्लड में ESR की मात्रा 20 mm/hr होती है तो महिला को स्वस्थ माना जाता है लेकिन अगर महिला की उम्र 50 वर्ष से अधिक होती है तो उनके शरीर में ESR की मात्रा 30 mm/hr होनी चाहिए|
ईएसआर बढ़ने या घटने से क्या होता है
जब किसी भी पुरुष या महिला के शरीर में ईएसआर बढ़ या घाट जाता है तो ESR के बढ़ने से और घटने से पीढ़ी को कई प्रकार की बीमारियो के होने की सम्भावना बढ़ जाती है| चलिए सबसे पहले हम आपको बताते है की ईएसआर बढ़ने और घटने से कौन कौन से रोग हो सकते है
1 – जब किसी भी पुरुष और महिला के शरीर में ESR की मात्रा बढ़ जाती है तो ऐसी स्थिति में इंसान को एनिमिया, हाई कोलेस्ट्राल की समस्या, किडनी से सम्बंधित बीमारी और थॉयराइड इत्यादि परेशानी होने सम्भावना काफी ज्यादा होती है|
2 – अगर किसी भी महिला या पुरुष के शरीर में ESR लेवल घटता या लो हो जाता है तो इस स्थिति में पीड़ित को कन्जेस्टिव हार्ट फ्लोयर की परेशानी, क्रोनिक फैटिग्यू सिन्ड्रोम की परेशानी, लॉ प्लाज्मा प्रोटीन और सिक्कल सेल एनिमिया इत्यादि की परेशानी हो सकती है|
ईएसआर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए अपनाएं निम्न टिप्स
ऊपर आपने जाना की ESR लेवल बढ़ने या घटने से कौन कौन से रोग हो सकते है, अब हम आपको ESR लेवल को नियंत्रित रखने के लिए कुछ जरुरी टिप्स बताने जा रहे है उन टिप्स को अपनाकर आप आसानी से ESR को नियंत्रित रख सकते है| अधिकतर इंसानो में ESR लेवल के बढ़ जाने की समस्या देखने को मिलती है, ऐसे में इंसान को सबसे पहले ESR बढ़ने के कारणों के बारे में जानना चाहिए| किसी भी बीमारी से बचने के लिए इंसान को अपनी जीवनशैली में संतुलन बनाए रखना बहुत ज्यादा जरुरी है, चलिए अब हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे है जिन्हे अपनाकर आप आसानी से ESR बढने से रोक सकते है –
1 – हर एक इंसान को नियमित रूप से व्यायाम जरूर करना चाहिए, व्यायाम करने से इंसान स्वस्थ रहता है| अगर आप अपने शरीर में ESR लेवल को बढने से रोकना चाहते है तो आप के लिए व्यायाम बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है, रोजाना कम से कम 20 से 30 मिनट व्यायाम जैसे टहलना, जिम, स्विमिंग या एरोबिक इत्यादि करने से लाभ प्राप्त होता है|
2 – योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ कई सारी परेशानियो को दूर करने में सहायक होता है| अगर आप ESR लेवल को कम या नियंत्रित करना चाहते है तो आपको नियमित रूप से योग जरूर करना चाहिए|
3 – अगर आपके शरीर में ESR का लेवल बढ़ा हुआ तो ऐसी स्थिति में आपको अधिक तला भुना, मिर्च और मसाले वाले आहार का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए| अगर आप इन चीजों का परहेज नहीं करते है तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाता है जिसकी वजह से ESR लेवल बढ़ने की प्रबल सम्भावना होती है|
4 – इंसान को पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीना चाहिए, लगभग सभी बीमारियो से बचने के लिए अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है| शरीर में पानी की कमी होने से इंसान को काफी सारी परेशानियो का सामना करना पढ़ सकता है, प्रत्येक इंसान को दन में एक से दो लीटर पानी का सेवन जरूर करना चाहिए|
5 – हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन सभी के लिए फायदेमंद होता है, हरे पत्तेदार सब्जियों में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है, जिनके सेवन करने से इंसान स्वस्थ रहता है| अगर आपके शरीर में ESR का स्तर बढ़ गया है तो आपको अपने आहार में हरे पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए|
6 – ESR बढ़े हुए इंसान को सोयाबीन तेल की जगह ओलिव आयल का इस्तेमाल करना लाभकारी रहता है|
ईएसआर रेट को कम करने के घरेलू उपाय
ESR लेवल को नियंत्रित करने के लिए या ईएसआर के लक्षणों को कम करने के लिए आप घरेलू उपाय भी अपना सकते है, अगर आपके शरीर में ESR लेवल बढ़ गया है तो सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श और इलाज कराएं| चलिए अब हम आपको ESR लेवल को कम करने के घरेलू उपायों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है
ईएसआर के लक्षणों को कम करने में सहायक है हल्दी
ईएसआर लेवल को कम करने में हल्दी के फायदे देखे जा सकते है, प्राचीन समय से हल्दी का इस्तेमाल महत्वपूर्ण औषधि के रूप में किया जाता है| हल्दी में मौजूद औषधीय और एंटी बायोटिक गुण ईएसआर के लेवल को कम करने में मददगार साबित होते है| सबसे पहले एक गिलास हल्के गर्म दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी को 1 गिलास दूध में मिलाकर पी लें, नियमित रूप से हल्दी मिले दूध को पीने से आपको हड्डियों के संक्रमण और शरीर में आ रही सूजन की समस्या से आराम प्राप होता है|
ईएसआर बढ़ने की समस्या से आराम दिलाने में सहायक है मेथी के बीज
मेथी के बीज आपको आसानी से लगभग सभी घरो में मिल जाएंगे, मेथी के बीज शरीर में मौजूद किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन को कम करने के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते है| सबसे पहले एक गिलास पानी लेकर उसे गर्म होने के लिए रख दें, फिर उस पानी में एक छोटा चम्मच मेथी को डालकर पानी को उबलने दें| पानी को तब तक उबालें जब तक पानी लगभग आधा ना हो जाएं, जब पानी आधा हो जाएं तब गैस बंद कर दें, फिर पानी को छानकर पी लें| रोजाना मेथी के बीजो का पानी पीने से जल्द लाभ मिलता है|
ईएसआर लेवल कम करने का घरेलू उपाय है नीम
नीम के बारे में तो सभी अच्छी तरह से जानते ही होंगे, नीम हमारे शरीर के बहुत सारे रोगो को दूर करने में लाभकारी होता है, नीम में मौजूद गुण ईएसआर लेलेल को कम करने में मददगार होते है| सबसे पहले नीम के पत्तो को पीस कर उसका रस निकाल लें, फिर खाना खाने के बाद एक चम्मच नीम के पत्तों का रस का सेवन करने से शरीर में मौजूद संक्रमण समाप्त होता है और ब्लड भी साफ़ होता है|
ESR टेस्ट की कीमत कितनी है?
जब कोई भी इंसान ESR टेस्ट करवाने जाता है या सोचता है तो उसके मन में यह सवाल आता है की ESR टेस्ट कितने रूपए में होता है? तो हम आपको बता दें की आमतौर ESR टेस्ट 100 रूपए से लेकर 200 रूपए के आसपास हो जाता है| भारत के अलग अलग शहर या लैब या हॉस्पिटल के अनुसार टेस्ट की कीमत में थोड़ा बहुत बदलाव हो सकता है|
निष्कर्ष –
हम उम्मीद करते है की आपको हमारे लेख ESR टेस्ट क्या है? (esr test kya hai) में दी गई जानकारी पसंद आई होगी, लेकिन अंत में हम आपको सलाह देंगे की शरीर में ESR लेवल बढ़ने पर कभी भी लापरवाही ना करें तुरंत डॉक्टर से परामर्श और इलाज कराएं| अगर आपको हमारे लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो हमारे इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें|