26 January Kyu Manaya Jata Hai?: स्वतंत्रता दिवस या 26 जनवरी के बारे में तो आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे, स्वतंत्रता दिवस को भारत के राष्ट्रीय पर्वो में से एक माना जाता है| भारत में अलग अलग धर्मो के लोग रहते है अलग अलग धर्मो के लोग अपने अपने धर्म के पर्व को धूमधाम से मनाते है लेकिन राष्ट्रीय पर्वो को सभी जाती और धर्म के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है| वैसे तो अधिकतर इंसानो को भारत के राष्ट्रीय पर्वो के बारे में जानकारी होती है लेकिन अगर आपको यह नहीं पता है की भारत के राष्ट्रीय पर्व कौन से है? तो हम आपको बता दें की भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर सेलिब्रेट किए जाते है| इन तीनो राष्ट्रीय पर्व पर पूरे देश में देशभक्ति का माहौल होता है और सभी लोग इन तीनो पर्व को मनाते है| 26 जनवरी के दिन देश का प्रत्येक नागरिक उन वीर सपूतो को याद और नमन करता है जिन्होंने भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने में अपना योगदान दिया है| यह तो आप जानते ही होंगे भारत संविधान के अनुसार चलता है 26 जनवरी के दिन ही संविधान लागू किया गया था|
भारत में रहने वाले सभी नागरिको के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है। 26 जनवरी के दिन लगभग सभी सरकारी दफ्तरों में काम नहीं किया जाता है, देश के सभी स्कूल, शिक्षण संस्थान और सभी सरकारी दफ्तरों में तिरंगा झंडा फहराया जाता है| वैसे तो भारत के अधिकतर इंसानो को 26 जनवरी या गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी होती है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है जिन्हे गणतंत्र दिवस का नाम तो पता होता है लेकिन उन्हें गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी नहीं होती है| जिन इंसानो को गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी नहीं होती है ऐसे इंसान इंटरनेट पर गणतंत्र दिवस क्या है? गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा झंडा कौन फहराते है? गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (26 january kyu manaya jata hai)? इत्यादि लिखकर सर्च करते है| अगर आपको गणतंत्र दिवस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो हमारा यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित होने वाला है क्योंकि आज हम अपने इस लेख में गणतंत्र दिवस से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध करा रहे है| चलिए सबसे पहले हम आपको बताते है की गणतंत्र दिवस क्या होता है
गणतंत्र दिवस क्या है – What is Republic Day in Hindi
हर साल 26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस को मनाता है, गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्व में से एक है| गणतंत्र दिवस को Republic day के नाम से भी जाना जाता है| भी कहा जाता है। 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय सरकार ने भारत सरकार अधिनियम को हटाकर देश में नवनिर्मित संविधान को लागू कर दिया गया था, उसी दिन से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था। चलिए अब हम आपको बताते है की गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
26 जनवरी क्यों मनाई जाती है? (26 january kyu manaya jata hai)
गणतंत्र दिवस क्या होता है यह तो आप ऊपर पढ़ चुके है, काफी सारे इंसानो के मन में यह सवाल रहता है की गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है या 26 जनवरी क्यों मनाई जाती है (26 january kyu manaya jata hai) ? 26 जनवरी के दिन भारत एक स्वंतंत्र गणराज्य बना था और इसी दिन देश में लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली पूरी तरह से स्थापित की गई थी| भारत में संविधान लागू होने के बाद देश में कानून का राज स्थापित होने के साथ साथ देश में रहने वाले सभी नागरिको को मौलिक अधिकार भी प्रदान किए गए| वर्तमान में देश का प्रत्येक नागरिक अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है और मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करने से कोई नहीं रोक सकता है| आज कोई भी इंसान स्वतंत्रता पूर्वक अपनी बात कह सकता है यह सब संविधान लागू होने की वजह से मुमकिन हो पाया है| चलिए अब हम आपको बताते है की 26 जनवरी के दिन क्या होता है ?
26 जनवरी के दिन क्या होता है ?
सम्पूर्ण भारत में 26 जनवरी के दिन सभी सरकारी दफ्तरों में काम की छुट्टी रहती है, पूरे देश में अलग अलग जगहों पर देशभक्ति संगीत चलता हुआ दिखाई देता है| सभी स्कूल और शिक्षण संस्थानों में प्रोग्राम किए जाते है, देश की राजधानी दिल्ली में सेना के जवान परेड के साथ साथ बहुत ही सुंदर और सुसंस्कृत झांकी भी निकाली जाती है। 26 जनवरी की परेड में भारत के संस्कारों की विरासत को दिखाया जाता है। इसके अलावा सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाता है| राजधानी में झंडा फहराया जाता है और दिल्ली में आयोजित होने वाली परेड को देखने अलग अलग राज्यो से लोग पहुँचते है और जो लोग वहां नहीं पहुँच पाते है वो टीवी पर परेड को देखते है| चलिए अब हम आपको गणतंत्र दिवस के इतिहास के बारे में जानकारी दे रहे है
गणतंत्र दिवस का इतिहास
ऊपर आपने पढ़ा की गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (26 january kyu manaya jata hai) ? अब हम आपको इस दिन के मनाने के पीछे के इतिहास के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| गणतंत्र दिवस की शुरुआत वर्ष 1930 में ही शुरू हो गई थी| यह तो आप सभी अच्छी तरह से जानते ही होंगे की ब्रिटिश शासन से आजादी पाने की शुरुआत बहुत पहले हो गई थी| 19 वीं शताब्दी में राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हो गई थी, वर्ष 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक बैठक में राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की शुरुआत की गई थी| उस समय पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे| इस बैठक में लिए गए संकल्प को भारत के शूरवीर क्रांतिकारियों ने वर्ष 1950 में साकार किया था, इसी दिन से भारत का निर्माण एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में हुआ था, यह दिन सभी भारतीयो के लिए एक ऐतिहासिक दिन था| वर्ष 1929 की बैठक में देश के सभी प्रमुख क्रांतिकारियों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन से भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र कराने के लिए 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने की शपथ ली, बस तभी से देश में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा| देश के सभी क्रान्तिकारियो ने अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए दिलो जान से कोशिश की|
वर्ष 1929 की बैठक के बाद 9 दिसंबर 1946 को भारतीय संविधान सभा की सबसे पहली बैठक आयोजित की गई और इस बैठक में भारतीय नेताओं के साथ साथ ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने भी भाग लिया| इस बैठक में भारत को एक संविधान के रूप में मानने के विषय पर चर्चा की गई| फिर भारत के लिए संविधान बनाने का काम शुरू हुआ, भारतीय संविधान में बहुत बार संशोधन किया गया, अंत में संविधान को अंतिम रूप देकर फाइनल कर दिया गया| हालाँकि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन भारतीय संविधान को बनने में लगभग तीन साल का समय लगा था| जब भारत आजाद हुआ तब देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली थी| फिर 26 जनवरी 1950 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने इर्विन स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, फिर उसी दिन से भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा और देश भारतीय संविधान लागू हुआ था।
26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
ऊपर आपने 26 जनवरी के इतिहास के बारे पढ़ा, यह तो हम सभी अच्छी तरह से जानते है की गणतंत्र दिवस के दिन पूरे देश में देशभक्ति का माहौल होता है| लेकिन कुछ इंसानो के मन में यह सवाल होता है की आखिर 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (26 january kyu manaya jata hai) ? या गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही क्यों मनाया जाता है? चलिए अब हम आपको बताते है की 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है| वर्ष 1929 में आयोजित राष्ट्रीय कांग्रेस की एक बैठक में 26 जनवरी को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया था| राष्ट्रीय कांग्रेस की यह बैठक पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में आयोजित कराई गई थी| इस बैठक में आम सहमति से यह ऐलान किया गया था कि 26 जनवरी 1930 को ईस्ट इंडिया कंपनी भारत को डोमिनियन स्टेटस का दर्जा दे देगी। यह पहला मौका था जब देश में पहली बार स्वतंत्रता दिवस को मनाया गया था। यह तो हम सभी अच्छी तरह से जानते है की देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी, आजादी मिलने से पहले तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू करा गया था और इसी दिन को गणतंत्र दिवस कहा गया था|
भारतीय सविधान को दुनिया के सबसे बड़े संविधानो में से एक माना जाता है, संविधान को बनाने में सबसे बड़ा योगदान भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का था| भीमराव अंबेडकर के बारे में तो आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे, भारतीय संविधान को बनाने में तीन साल का समय लगा था| भारतीय संविधान में कई बार बदलाव और संशोधन किया गया संविधान बनाने वाली कमेटी में लगभग 308 सदस्य थे| संविधान बनने के बाद सभी सदस्यो ने संविधान की हस्तलिखित दो कॉपियों पर हस्ताक्षर करे थे जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को देश में लागू कर दिया था। भारत में संविधान लागू होने से पहले का अंग्रेजों का कानून चलता था| नीचे हम आपको गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है (26 january kyu manaya jata hai) ? के बारे में जानकारी दे रहे है
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन गणतंत्र दिवस की परेड बेहद खास होती है| सबसे पहले देश के वर्तमान प्रधानमंत्री दिल्ली में मौजूद अमर जवान ज्योति पर शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हैं उसके बाद परेड की शुरुआत होती है। 26 जनवरी के दिन देश के राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों और अपनी 14 घोड़ों की कैब में इंडिया गेट पर पहुंचते हैं, इंडिया गेट पर राष्ट्रपति का स्वागत प्रधानमंत्री जी करते हैं। इंडिया गेट पर झंडा फहराया जाता है, राष्ट्रीय गान होता है, हवाई जहाज से फूलो की बारिश की जाती है, त्रिकोणीय गुब्बारे उड़ाए जाते है, बैंड पर देश भक्ति धुन चलती है, पुलिसकर्मी अपने हथियारों के साथ और मिसाइलों इत्यादि का प्रदर्शन करते हुए देश के राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है|
गणतंत्र दिवस या 26 जनवरी के दिन होने वाले इस शानदार और मनमोहक दृश्य को देखने की चाहत सभी भारतीयो की होती है| इस परेड को देखने वाले हर देशवासी के दिल में देशभक्ति और उत्साह बहुत ज्यादा बढ़ता है। 26 जनवरी के दिन होने वाले हर साल, गणतंत्र दिवस समारोह में अलग अलग देशों के नेताओ को विशेष अतिथि के रूप आमंत्रित किए जाते है और इस दिन विभिन्न देशो के नेता इस समारोह में शामिल होते है| बीते हुए वर्षो में शामिल होने वाले कुछ मुख्य अतिथियों के बारे में हम आपको बताते है, वर्ष 1950 में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो शामिल हुए थे, वर्ष 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद शामिल हुए, वर्ष 1962 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ शामिल हुई, वर्ष 1995 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला शामिल हुए, वर्ष 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा शामिल हुए और 2017 में अबू धाबी के शेख मोहम्मद बिन ज़ियाद अल निहान मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शामिल थे।
गणतंत्र दिवस समारोह
26 जनवरी का समारोह बहुत ही शानदार होता है, कुछ लोग सोचते है की गणतंत्र दिवस का समारोह केवल दिल्ली में ही मनाया जाता है| बल्कि गणतंत्र दिवस का समारोह आपको देश के हर कोने में देखने को मिल जाएगा, इस दिन देश के लिए कुर्बानी देने वाले सभी देशभक्तों को श्रद्धांजलि दी जाती है| देश के प्रत्येक राज्य के सभी स्कूल और कॉलेजों में देशभक्ति के प्रोग्राम होते है और कुछ जगहों पर देशभक्तो के नाटक भी आयोजित किए जाते है| सभी जगहों पर रैली निकाली जाती है, रैलियो में देशभक्ति के नारे और शहीद हुए देशभको की जानकी भी बनाई जाती है| 26 जनवरी पर आयोजित होने वाली परेड की शुरुआत विजय चौक से होती है और दिल्ली के अलग अलग क्षेत्रों से गुजरती हुई परेड लाल किले पर समाप्त हो जाती है। 26 जनवरी के दिन कीर्ति चक्र और अशोक चक्र जैसे कई सारे सम्मान देने के साथ साथ देश की तीनों सेनाएँ परेड का हिस्सा होती है| तीनो सेनाएं अपने नए और अलग अलग तरह के अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन करती है।
15 अगस्त और 26 जनवरी में क्या अंतर है ?
काफी सारे इंसान 15 अगस्त और 26 जनवरी के बारे जानते है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हे 15 अगस्त और 26 जनवरी के बारे में ना तो जानकारी होती है और उन्हें यह भी नहीं पता होता है की इन दोनों में अंतर में क्या है? कुछ लोग तो इस बात में कंफ्यूज होते है की 15 अगस्त को क्या हुआ था और 26 जनवरी को क्या हुआ था? चलिए अब हम आपको इन दोनों के अंतर के बारे में बताते है| सबसे पहले तो आप यह जान लें की 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस कहा जाता है|
15 अगस्त के दिन भारत ईस्ट इंडिया कंपनी की गुलामी से आजाद हुआ था और 26 जनवरी के दिन देश में संविधान लागू हुआ था| हर साल 26 जनवरी या गणतंत्र दिवस के दिन देश के वर्तमान राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते है और 15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस पर देश के वर्तमान प्रधानमंत्री लालकिले पर झंडा फहराते हैं। गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और स्वतंत्रता दिवस पर झंड़ा फहराने का कार्यक्रम राजपथ पर होता हैं। आप ऐसे भी समझ सकते है की 15 अगस्त पर ध्वजारोहण और 26 जनवरी पर झंडा फहराने का कार्यक्रम होता है| काफी सारे इंसानो को ध्वजारोहण और झंडा फहराने के में क्या अंतर होता है? के बारे में जानकारी नहीं होती है चलिए अब हम आपको इसके बारे में जानकारी दे रहे है
ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर
कुछ लोग सोचते है की ध्वजारोहण और झंडा फहराने में कोई अंतर नहीं होता है जबकि यह सच नहीं है दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है| स्वतंत्रता दिवस या 15 अगस्त के दिन अगर आप गौर करेंगे तो आप देखेंगे की इस झंडे को ऊपर की तरफ खींचने के बाद फहराया जाता है, इसे ही ध्वजारोहण कहते है| भारत जिस दिन आजाद हुआ तभी ब्रिटिश सरकार का झंडा उतारकर देश का झंडा उपर चढ़ाया गया था| गणतंत्र दिवस या 26 जनवरी पर देश का झंडा ऊपर बंधा होता है, बस केवल पहले से बंधे झंडे को फहराया जाता है|
निष्कर्ष –
हम आशा करते है की आपको हमारे लेख 26 जनवरी क्यों मनाई जाती है (26 january kyu manaya jata hai) ? 26 जनवरी का महत्व में दी गई जानकारी पसंद आई होगी, वैसे तो भारत के हर एक नागरिक को 26 जनवरी के बारे में जानकारी होना बहुत ज्यादा जरुरी है लेकिन कुछ लोगो को इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है| इसीलिए हमारे इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करके ऐसे लोगो के पास तक पहुँचाने में मदद करें जिन्हे 26 जनवरी के बारे में जानकारी नहीं है|