15 अगस्त का दिन देश में रहने वाले सभी इंसानो के लिए बेहद खास दिन होता है| वैसे तो अधिकतर इंसानो को 15 अगस्त के बारे में जानकारी होती है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते है जिन्हे यह नहीं पता नहीं होता है की 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है? भारत को दुनिया के सबसे बड़े देशो में से एक माना जाता है| भारत के अलग अलग राज्यो में अलग अलग जाती और धर्म के लोग रहते है| कुछ लोगो का मानना है की प्राचीन समय में भारत में हर दिन कोई ना कोई त्योहार मनाया जाता था, जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे त्योहारो की अहमियत कम होती चली गई| लेकिन कुछ त्योहार ऐसे भी है जिन्हे पूरा देश बहुत ही धूमधाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाता है, जिनमे से एक त्योहार का नाम है 15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस (15 august kyu manaya jata hai) है| भारत में 15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस को सभी जाती और धर्म के लोग एक साथ मिलकर सेलिब्रेट करते है|
जिन इंसानो को 15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस के बारे में जानकारी नहीं होती है वो अक्सर इंटरनेट पर 15 अगस्त क्या है और 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है (15 august kyu manaya jata hai) ? 15 अगस्त के दिन क्या हुआ था ? 15 अगस्त का दिन क्यों खास होता है ? इत्यादि लिखकर सर्च करते है| अगर आपको भी 15 अगस्त के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारा यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित होने वाला है| आज हम अपने इस लेख में 15 अगस्त के बारे में अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करा रहे है इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें| चलिए सबसे पहले हम आपको बताते है की 15 अगस्त क्या है?
15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस क्या है? (What is Independence Day in Hindi)
15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस या इंडिपेंडेंस डे के नाम से जाना जाता है| हालाँकि आपको स्वतंत्रता दिवस के नाम से ही अंदाजा लग रहा होगा की इसका मतलब स्वतंत्रता या आजादी से है| दरसल 15 अगस्त के दिन भारत को ब्रिटिश शासन से छुटकारा मिला था, इसीलिए इस दिन को भारत में रहने वाले सभी नागरिक आजादी दिवस के रूप में सेलिब्रेट करते है| कुछ लोग सोचते है की दुनिया में केवल भारत में ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है लेकिन यह सच नहीं है दुनिया के अधिकतर देश कभी ना कभी किसी ना किसी कम्युनिटी का गुलाम जरूर हुए है| ऐसे सभी देश भारत की तरह अलग अलग समय और तारीख पर स्वतंत्रता दिवस (15 august kyu manaya jata hai) को सेलिब्रेट करते है|
जब ब्रिटिश शासन ने भारत को आजाद किया था तब देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू बने थे| जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज लाल किले के लाहोरी गेट पर फहराया था| नेहरू ने देश का झंडा फहराने के बाद पूरे देश वासियो को पहली बार सम्बोधित किया था| उसी दिन से सम्पूर्ण देश में स्वतंत्रता दिवस का दिन बहुत धूमधाम से मनाया जाने लगा था, 15 अगस्त के दिन पूरे देश में देशभक्ति का माहौल होता है| 15 अगस्त के दिन स्कूल, कॉलेज के साथ साथ अलग अलग जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते है| यह एक ऐसा दिन है जिस दिन देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के अंदर अलग ही उत्साह दिखने को मिलता है|
15 अगस्त क्यों मनाया जाता है / 15 august kyu manaya jata hai?
ऊपर आपने 15 अगस्त के बारे में पढ़ा, अब हम आपको बताते है की स्वतंत्रता दिवस या 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है? या 15 अगस्त का दिन खास क्यों है? यह तो आप ऊपर पढ़ ही चुके है की स्वतंत्रता दिवस के दिन ही भारत आजाद हुआ था| कुछ गिने चुने देशों को छोड़कर दुनिया के लगभग सभी देश किसी ना किसी कम्युनिटी के गुलाम रहे है| ब्रिटिश देश को सबसे ज्यादा कूटनीतिज्ञ देश के रूप में जाना जाता था, इसीलिए ब्रिटिश देश ने कई सारे देशों पर शासन किया था और जिन देशो पर राज किया उन्हें भरपूर लूटा भी था|
प्राचीन समय में भारत में मुग़ल सल्तनत का शासन था, मुग़ल सल्तनत को दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना माना जाता था| उस समय पर ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने का विचार बना रही थी लेकिन मुग़ल सल्तनत के रहते यह संभव नहीं हो पा रहा था| मुग़ल सल्तनत को हराना ईस्ट इंडिया कंपनी के बस की बात नहीं थी| आप ऐसे भी समझ सकते है की जैसे आज के समय में अमेरिका या रूस को दुनिया के सबसे ज्यादा शक्तिशाली देशो के रूप में जाना जाता है और कोई भी देश इन देशो पर हमला या कब्जा करने के बारे में नहीं सोच सकता है| उसी तरह से देश में मौजूद मुगल सल्तनत को सबसे बड़ी और ताकतवर माना जाता था| कुछ लोगो की माने तो मुगल सल्तनत के हाथ में दुनिया की एक चौथाई से भी ज्यादा सेना मौजूद थी इसके अलावा मुगल सल्तनत की आर्थिक स्थिति भी बहुत ज्यादा मजबूत थी|
शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी ने मुगल सल्तनत पर कब्जा करने के लिए अपने कुछ सैनिको को भेज दिया| उस समय पर मुगल शासक औरंगजेब का शासन था, औरंगजेब का एक सेनापति इस युद्ध में अपनी सेना के साथ पहुंचा और उसने ईस्ट इंडिया कंपनी को भगा दिया| इस युद्ध को जंग-ए-चाइल्ड के नाम से जाना जाता है| जैसे जैसे समय बीतता चला गया वैसे वैसे मुगल सल्तनत भी कमजोर होती चली गई, फिर जब मुगल सल्तनत पतन के पास पहुँच गई| तब मुगल सल्तनत ने पैसों के लालच चक्कर में ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने की छूट दे दी, उसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे धीरे भारत में अपने पैर जमाने शुरू कर दिए| ईस्ट इंडिया ने देखा की भारत में रहने वाले लोगो का व्यवहार सरल और सीधा था, ऐसे में उन्हें गुलाम बनाना आसान है| वर्ष 1610 के आसपास ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी थॉमस रो ने मुगल शासक जहांगीर से भारत में व्यापार करने के लिए विशेष अधिकार ले लिया था, जिसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अलग अलग जगहों पर अपने कारखाने और फैक्टरी लगनी शुरू कर दी| जिसकी वजह से ब्रिटिश शासन का वर्चस्व काफी तेजी से बढ़ने लगा| धीरे धीरे ब्रिटिश शासन ने अपनी शानदार कूटनीति से देश में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन स्थापित करना शुरू कर दिया था| फिर एक समय ऐसा आया जब मुगल सल्तनत खत्म हो गई और भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का राज हो गया| ईस्ट इंडिया कंपनी केवल और केवल अपना ही फायदा देखती थी, जिसके चलते कंपनी ने भारतीयों पर बहुत ज्यादा अत्याचार करने शुरू कर दिया था| काफी वर्षो तक अत्याचार सहने के बाद वर्ष 1857 में ईस्ट इंडिया के खिलाफ एक जोरदार आंदोलन किया गया लेकिन अंग्रेजो ने उस आंदोलन को कुचल दिया| उसके बाद अलग अलग समय पर देश में कई सारे आंदोलन हुए, बहुत सारे क्रांतिकारियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी| जिसकी वजह से अंत में देश को अत्याचारी ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन से छुटकारा मिल गया| 15 अगस्त वर्ष 1947 में अंग्रेजो ने भारत को आजाद कर दिया था और उसी दिन से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के नाम से सेलिब्रेट किया जाने लगा| प्रत्येक भारतीय के लिए इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा होता है चलिए अब हम आपको 15 अगस्त का महत्व के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है
15 अगस्त का महत्व
ऊपर आप स्वतंत्रता दिवस या 15 अगस्त का इतिहास पढ़ चुके है, स्वतंत्रता दिवस का महत्व प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत ज्यादा होता है| यह तो आप बहुत अच्छी तरह से जानते है की भारत के अलग अलग हिस्से में अलग अलग धर्म के लोग रहते है| भारत के उत्तरी भाग में रहने वाले इंसान का रहन सहन, खाना पीना अलग होता है और दक्षिण या पूर्व या पश्चिम में रहने वाले इंसानो का रहन सहन अलग होता है| अलग अलग धर्मो के लोगो की मान्यताएं और संस्कृति विभिन्न होने की वजह से देश में विभिन्न पर्व देखने को मिलते है| लेकिन कुछ पर्व ऐसे भी होते है जो जाती या धर्म से ऊपर होते है और उन पर्व को देश एक सभी लोग एक साथ मिलकर मनाते है, ऐसा ही एक पर्व है स्वतंत्रता दिवस| यह एक ऐसा पर्व है जो पूरे देश में धूम धाम से मनाया जाता है और इस पर्व को देश में रहने वाले सभी धर्म के लोग बहुत ही धूम धाम से मनाते है| 15 अगस्त का महत्व बहुत ज्यादा इसीलिए भी है क्योंकि आज के समय में अधिकतर इंसान गुलामी के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते है| आजादी से पहले के समय पर लोगो के जीवन और संघर्ष के बारे में सोचकर इंसानो की रूँह काँप जाती है, ऐसे में आजाद इंसान की जिंदगी कितनी बेहतर होती है यह बात शायद ही किसी को समझाने की जरुरत हो| स्वतंत्रता दिवस के दिन लोग अपनी जाती और धर्म को भूलकर सिर्फ देशभक्ति में डूबे हुए दिखाई देते है और सभी को भारतीय होने का गर्व महसूस होता है|
15 अगस्त कैसे मनाया जाता हैं?
15 अगस्त के दिन भारत में एक अलग ही रंग रूप देखने को मिलता है| देश के सभी शिक्षण संस्थानों से लेकर सभी सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ साथ राष्ट्रगीत गाया जाता है| इसके अलावा आजादी दिलाने में अहम् भूमिका निभाने वाले सभी महापुरुषों और शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी जाती है| शिक्षण संस्थानों में देशभक्ति गीतों पर नृत्य और प्रोग्राम का आयोजन किया जाता हैं। देश की राजधानी दिल्ली में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के सह साथ देश के लिए सन्देश और बधाई देते है| पूरे भारत में जश्न का माहौल रहता है और सभी लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाते है| स्वतंत्रता दिवस के दिन आपको जगह जगह पर देशभक्ति के गाने चलते हुए नजर आएँगे, सभी जगहों पर रैली निकाली जाती है|
भारत में आजादी के लिए 15 अगस्त को ही क्यों चुना गया?
काफी सारे लोगो के मन में यह सवाल भी रहता है की ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को आजाद करने के लिए 15 अगस्त का दिन ही क्यों चुना था ? या भारत को आजादी 15 अगस्त को क्यों मिली? दरसल आजादी से पहले देश में लॉर्ड माउंटबेटन का शासन होने की वजह से भारत को किस दिन आजाद करना है इसका निर्णय माउंटबेटन को ही लेना था| माउंटबेटन ने भारत को आजाद करने के लिए 15 अगस्त का दिन चुना| माउंटबेटन के द्वारा तय किए गए दिन का भारत में बहुत ज्यादा विरोध हुआ| भारत में 15 अगस्त के दिन का विरोध होने के पीछे का कारण यह था की पंडित और ज्योतिष के अनुसार यह दिन शुभ नहीं था| पंडितो और ज्योतिषियों ने देश को आजाद करने के लिए कई सारी अन्य तारीख बताई लेकिन माउंटबेटन अपनी बताई हुई तारीख पर अड़े रहे| लाख कोशिशों के बाद जब माउंबेटन नहीं माने तो पंडितो और ज्योतिषियों ने इस परेशानी को दूर करने का एक हल निकाला| दोनों ने मिलकर बताया की देश को 14 और 15 अगस्त की मध्यरात्रि को आजाद किया जाए| यह बात माउंटबेटन को भी समझ में आ गई और उन्होंने बात को मानते हुए देश को आजाद कर दिया|
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी
यह तो आप ऊपर पढ़ ही चुके है की 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था लेकिन भारत को आजादी ऐसे ही नहीं मिली है इसके पीछे अनेको भारतीयो की कुर्बानी भी है| भारत को आजाद कराने में देश में रहने वाले हर धर्म और जाति के लोगों का अहम् योगदान रहा है| अलग अलग आंदोलन और क्रांति का नेतृत्व करने वाले सभी इंसानो को शहीद कहा गया था और आज भी इन सभी को याद किया जाता है| भारत को आजादी (15 august kyu manaya jata hai) दिलाने में अहम् योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का नाम है महात्मा गाँधी, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, गोपालकृष्ण गोखले, श्री औरोबिन्दो घोष, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, सूर्यसेन, बटुकेश्वर दत्त इत्यादि| हालाँकि देश को आजाद कराने के स्वतंत्रता सेनानियों ने हिंसा और अहिंसा दोनों मार्ग चुने, कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को हिंसा मार्ग पसंद था और कुछ को अहिंसा का| कुछ स्वतंत्र सेनानी जैसे भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, बटुकेश्वर दत्त इत्यादि ने हिंसा का मार्ग चुना लेकिन महात्मा गाँधी और कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने इस मार्ग पर चलने के लिए मना कर दिया| नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में तो सभी बहुत अच्छी तरह से जानते ही है, इन्होने भी गाँधी जी के रास्ते से अलग अपना रास्ता चुना| सुभाष चंद बोस ने अपनी अलग फौज बनाई और उस फौज का नाम आजाद हिन्द फौज रखा, जिसका नारा था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा| सुभाष चंद बोस ने काफी कम समय में बहुत ज्यादा शोहरत प्राप्त कर ली थी, आज़ाद हिन्द फौज का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त करना था| सुभाष चंद बोस की फौज ने भारत के बाहर जाकर जापान के साथ भी गठबंधन कर लिया था, जापान से गठबंधन करने के पीछे का कारण यह था दूसरे विश्वयुद्ध के समय जापान की सेना ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ थी| आज़ाद हिन्द फौज ने जापानी सेना के साथ मिलकर काफी सारी जगहों पर ब्रिटिश सेनाओं से युद्ध किया| स्वतंत्रता सेनानियों के रास्ते भले ही अलग हो लेकिन मकसद सबका एक ही था| भारत को आजाद कराने में पुरुषो के साथ साथ महिलाओ का भी बहुत योगदान रहा है, चलिए अब हम आपको कुछ महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रमुख महिलाऐं
भारत को आजाद कराने के लिए पुरुषो के साथ महिलाओ ने भी अहम् भूमिका निभाई थी| अगर आपको उन महिलाओ के बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको उनके नमो के बारे में बताते है| भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (15 august kyu manaya jata hai) में अहम् भूमिका निभाने वाली महिलाओ के नाम है महारानी लक्ष्मीबाई, श्रीमती सरोजिनी नायडू, सिस्टर निवेदिता, श्रीमति एनी बेसंट और मातंगिनी हाजरा इत्यादि|
15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाने वाले अन्य देश
अधिकतर इंसानो को यह लगता है की 15 अगस्त का दिन भारत के लोगो के लिए महत्पूर्ण होता है, लेकिन यह सच नहीं है इस दिन भारत के अलावा कुछ और देश भी आजाद हुए थे| चलिए अब हम आपको उन देशो के बारे में बताते है जो 15 अगस्त के दिन ही आजाद हुए थे
- कॉन्गो देश का नाम आपने शायद ना सुना हो, कॉन्गो देश फ़्रांस के कब्जे में था और 15 अगस्त 1960 को इस देश को भी आजादी (15 august kyu manaya jata hai) मिली थी|
- 15 अगस्त का दिन बहरीन के लोगो के लिए भी बेहद खास है क्योंकि 15 अगस्त 1971 को यूनाइटेड किंगडम ने बहरीन को अपने कब्जे से मुक्त कर दिया था|
- जापान ने 15 अगस्त 1945 को साऊथ कोरिया को आजादी (15 august kyu manaya jata hai) प्रदान की थी|
- नॉर्थ कोरिया के लोगो के लिए भी 15 अगस्त का दिन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि 15 अगस्त 1945 में नॉर्थ कोरिया को जापान के कब्जे से छुटकारा मिला था|
निष्कर्ष –
हम आशा करते है की आपको हमारे लेख 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है (15 august kyu manaya jata hai) ? में दी गई जानकारी पसंद आई होगी, हमारे इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करके ऐसे इंसानो के पास तक पहुँचाने में मदद करें जिन्हे 15 अगस्त के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है|